घट्टिया थाना क्षेत्र में शनिवार रात एक हृदयस्पर्शी और चौंकाने वाली घटना सामने आई। प्रसूता को अस्पताल ले जा रही 108 एंबुलेंस अचानक सड़क पर आए नीलगाय को बचाने के प्रयास में पलट गई। इस हादसे में जहाँ सभी लोग सहम गए, वहीं गर्भवती महिला को इतना झटका लगा कि उसने एंबुलेंस के भीतर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
हादसे के बाद भी साहसप्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा रात करीब 11 बजे हुआ। एंबुलेंस चालक नीलगाय से टकराव टालने की कोशिश में वाहन से नियंत्रण खो बैठा और एंबुलेंस पलट गई। हादसे से भीतर मौजूद गर्भवती महिला को जोर का झटका लगा और प्रसव पीड़ा तेज हो गई। कुछ ही मिनटों में महिला ने एंबुलेंस के भीतर ही नवजात को जन्म दे दिया।
ग्रामीणों की तत्परताहादसे के तुरंत बाद आस-पास के ग्रामीण मौके पर पहुँचे और उन्होंने बिना देर किए महिला और नवजात को दूसरे वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, घट्टिया पहुँचाया। डॉक्टरों ने जाँच कर बताया कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। बाद में बेहतर देखभाल के लिए दोनों को उज्जैन स्थित चरक अस्पताल रेफर कर दिया गया।
एंबुलेंस सेवा पर उठे सवालयह घटना एंबुलेंस सेवाओं की चुनौतियों को भी उजागर करती है। अक्सर दुर्घटनाओं और सड़क पर आवारा जानवरों की वजह से एंबुलेंस को असुविधा होती है। इस हादसे में सौभाग्य से बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन स्थिति गंभीर भी हो सकती थी।
मानवीय संवेदना की मिसालइस घटना ने यह साबित कर दिया कि संकट की घड़ी में भी मानवीय साहस और तत्परता सबसे बड़ी ताकत होती है। ग्रामीणों की सजगता और तुरंत मदद ने प्रसूता और बच्चे की जान बचाई।