आरएएस-2013 पेपर लीक के मास्टरमाइंड अमृतलाल मीणा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह राजस्थान के करौली का रहने वाला था। उसे 21 से 23 अगस्त तक वाराणसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, 24 अगस्त को जयपुर ले जाते समय आगरा के पास उसकी मौत हो गई। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए नादौती थाने (करौली) में मामला दर्ज कराया, जिसकी जाँच वाराणसी पुलिस करेगी। परिजनों का आरोप है कि अमृतलाल को ज़हर देकर मारने की साजिश रची गई है। प्राथमिकी दर्ज कर सिगरा थाने (वाराणसी) को भेज दी गई है।
23 अगस्त को मिली सूचना
परिजनों ने बताया कि 23 अगस्त को आरके सिंह बिहारी नाम के एक व्यक्ति ने उसके अस्पताल में भर्ती होने की सूचना दी थी। जब उन्होंने फ़ोन किया, तो उसका फ़ोन बंद था। परिजन रविवार को वाराणसी पहुँचे। आरके सिंह भी लंबे समय से पेपर लीक गिरोह से जुड़े रहे हैं। हिंडौन में मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का असली कारण स्पष्ट हो पाएगा।
अमृतलाल करौली राजकीय महाविद्यालय में व्याख्याता था। उसने 2009-2014 के दौरान 100 से ज़्यादा लोगों को राजपत्रित अधिकारी बनने में मदद की थी। जाँच में पता चला कि उसने अपने 5 रिश्तेदारों को मुफ़्त में परीक्षा दिलाई थी। आरएएस-2013 की टॉप-50 मेरिट सूची में 32 अभ्यर्थी उसके क्षेत्र के थे। आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में पता चला कि उसके परिवार और रिश्तेदारों के 20 लोग टॉप-50 में थे। संजीव मीणा, हंसराज मीणा, सुनील कुमार और यहाँ तक कि अमृतलाल की पत्नी भी गिरोह की मेरिट सूची में शामिल थीं।
पेपर लीक के एक दर्जन से ज़्यादा मामले दर्ज
इसके अलावा, द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा और स्कूल ऑफ एजुकेशन संकाय भर्ती परीक्षा में भी अनियमितताओं की शिकायतें मिली थीं। उसके खिलाफ एसआरईजी समेत प्रदेश के कई थानों में पेपर लीक के एक दर्जन से ज़्यादा मामले दर्ज हैं।