'न्यायाधीश राजनीति में आएगा तो उनकी आलोचना होगी', दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज एस.एन. ढींगरा का बयान
Indias News Hindi August 27, 2025 10:42 PM

New Delhi, 27 अगस्त . दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एस.एन. ढींगरा ने 56 रिटायर्ड जजों द्वारा जारी बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जब कोई जज राजनीति में उतरता है, तो वह एक राजनीतिक व्यक्ति बन जाता है और उसका इतिहास जानना जनता का अधिकार है.

दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एस.एन. ढींगरा ने से बात करते हुए कहा, “जब एक न्यायाधीश राजनीति में प्रवेश करता है, तो वह एक राजनीतिक व्यक्ति बन जाता है. एक राजनीतिक व्यक्ति की पृष्ठभूमि और इतिहास को जानना, समझना और उसकी जांच करना बहुत जरूरी हो जाता है, क्योंकि आपको भारत का उपराष्ट्रपति चुनना है, जिसके पास कई जिम्मेदारियां होती हैं. अगर आप उनका इतिहास नहीं जानते, तो आप किस आधार पर वोट देंगे? इसलिए उनका इतिहास जानना बहुत जरूरी है.”

उन्होंने कहा, “एक न्यायाधीश का इतिहास उनके द्वारा दिए गए फैसलों से समझा जा सकता है. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान क्या वे अपराधी समर्थक, खालिस्तान समर्थक या नक्सली समर्थक थे, ये बातें उनके फैसलों में झलकती हैं. जज के जजमेंट उसके विचार दिखाते हैं और उसके विचार को जनता के बीच लाना कर्तव्य है और यही कर्तव्य गृह मंत्री ने निभाया है.”

एस.एन. ढींगरा ने कहा, “वे किस सुरक्षा की बात कर रहे हैं? जज को सुरक्षा तब तक मिलती है, जब तक वे अपनी कुर्सी पर हैं. फिर भी उनकी व्यक्तिगत आलोचना नहीं की जाती, बल्कि उनके फैसलों की समीक्षा होती है. उन्होंने जनता के उस अधिकार को छीन लिया, जिसमें जनता को आत्मरक्षा का अधिकार मिला हुआ था. उन्हें नक्सलियों के मानवाधिकार तो दिखे, लेकिन गांव वालों के अधिकार नजर नहीं आए.”

बता दें कि देश के पूर्व न्यायाधीशों के एक समूह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों द्वारा की गई टिप्पणियों पर कड़ा ऐतराज जताया था.

56 रिटायर्ड जजों ने बयान जारी करते हुए कहा था कि कुछ पूर्व न्यायाधीशों द्वारा बार-बार राजनीतिक बयान देना और न्यायिक स्वतंत्रता के नाम पर पक्षपातपूर्ण रुख अपनाना न्यायपालिका की गरिमा और निष्पक्षता को नुकसान पहुंचा रहा है.

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