चार महीने में विधायक जीवनकृष्ण की पत्नी के खाते में जमा हुए 26 लाख, ईडी की पूछताछ तेज
Udaipur Kiran Hindi August 28, 2025 12:42 AM

कोलकाता, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । नियुक्ति घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीवनकृष्ण साहा और उनकी पत्नी टगोरी साहा के बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन का पता लगाया है। एजेंसी के अनुसार केवल चार महीने यानी दो सितम्बर से 14 दिसम्बर 2020 के बीच टगोरी साहा के खाते में करीब 26 लाख रुपये जमा हुए।

जानकारी के अनुसार, जीवनकृष्ण और उनकी पत्नी दोनों ही सरकारी कर्मचारी हैं और वेतन के अलावा उनकी कोई घोषित आय का स्रोत नहीं है। ऐसे में खाते में लाखों रुपये आने पर ईडी को संदेह हुआ। पूछताछ में विधायक की पत्नी ने स्वीकार किया कि यह रकम उनके पति ने ही खाते में जमा कराई थी। एजेंसी अब इस धन के वास्तविक स्रोत की जांच कर रही है।

ईडी की ओर से अदालत को बताया गया है कि विधायक और उनकी पत्नी के खातों में कुल 46 लाख रुपये से अधिक की रकम जमा हुई है। इसमें से कई लेनदेन नौकरी के इच्छुक लोगों से जुड़े होने की आशंका है। जांच में संजीत मंडल, दीपक दास, नवीन मंडल, राणा मंडल, अमित विश्वास, आरिफ इकबाल और प्रणयचंद्र विश्वास नामक व्यक्तियों द्वारा जीवनकृष्ण साहा के खाते में बड़ी रकम भेजे जाने की जानकारी मिली है। आरोप है कि इनमें से कुछ रकम विधायक ने बाद में लौटाई भी थी, लेकिन अधिकांश लेनदेन अभी भी संदिग्ध हैं।

एजेंसी की जांच में यह भी सामने आया है कि विधायक ने अपने नाम और परिचितों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदीं जिनमें जमीन और मकान शामिल हैं। इन संपत्तियों की खरीद में नकदी का इस्तेमाल किया गया और कई संपत्तियां उनके नजदीकी रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज की गईं। जीवनकृष्ण के पिता विश्वनाथ साहा ने हालांकि जांचकर्ताओं को बताया कि उन्होंने कभी अपने बेटे को आर्थिक मदद नहीं की और न ही उनके किसी व्यवसाय से कोई संबंध है।

गिरफ्तारी के बाद ईडी ने विधायक को मुर्शिदाबाद से कोलकाता लाकर अदालत में पेश किया और छह दिन की हिरासत हासिल की। इस दौरान उनके घर से दो मोबाइल फोन भी बरामद हुए जिनके पासवर्ड शुरू में विधायक देने से बचते रहे लेकिन बाद में ईडी को सौंप दिए। जांच एजेंसी का मानना है कि इन मोबाइलों से भी महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं।

विधायक की गिरफ्तारी के दौरान नाटकीय घटनाक्रम भी सामने आया। ईडी की टीम जब उनके घर पहुंची तो वे पीछे के दरवाजे से भागने की कोशिश करने लगे और दीवार फांदकर करीब सौ मीटर दौड़े लेकिन अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया। बाद में घर ले जाकर उनसे पूछताछ की गई। जांचकर्ता अब यह जानने में जुटे हैं कि उनके मोबाइल में पहले से छिपाई गई किसी अहम जानकारी का सुराग मिलता है या नहीं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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