जोधपुर 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । अपने ही आश्रम की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है। मेडिकल ग्राउंड पर पैरोल पर बाहर आए आसाराम को तीस अगस्त की सुबह 10 बजे तक जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर करना होगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने आज उसकी अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया। हालांकि आवश्यकता पडऩे पर आसाराम दोबारा आवेदन कर सकता है। जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की डबल बेंच ने यह फैसला सुनाया है। आसाराम का 29 अगस्त को अंतरिम जमानत का समय खत्म हो रहा है।
कोर्ट ने अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल से मिली मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका को खारिज किया है। कोर्ट ने कहा कि सिविल हॉस्पिटल (अहमदाबाद) की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार आसाराम की सेहत इतनी गंभीर नहीं है कि उसकी अंतरिम जमानत को बढ़ाया जाए। हालांकि कोर्ट ने जेल में आसाराम को व्हील चेयर की सुविधा और एक सहायक उपलब्धता की छूट दी है। इसके साथ ही जरूरत पडऩे पर जोधपुर एम्स में जांच करवाई जा सकती है।
हाईकोर्ट ने 21 अगस्त तक बढ़ाई थी जमानत अवधि
राजस्थान हाईकोर्ट ने गत आठ अगस्त को आसाराम की जमानत अर्जी बढ़ाने की दायर अपील पर सुनवाई की थी। इसके बाद 21 अगस्त तक जमानत को बढ़ाया गया था। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आसाराम की ओर से प्रस्तुत मेडिकल रिपोर्ट पर विचार किया था। इसमें पाया था कि आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है। आसाराम का ट्रोपोनिन लेवल बहुत ज्यादा है, जो हृदय के लिए चिंताजनक है। वह इंदौर के जूपिटर हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती था। वहां से उसे अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया था। राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने आदेश में अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल को आसाराम की हार्ट और न्यूरो संबंधी समस्याओं का परीक्षण करने के निर्देश दिए थे। इस मेडिकल बोर्ड में 2 कार्डियोलॉजिस्ट और 1 न्यूरोलॉजिस्ट शामिल होना जरूरी है, जो प्रोफेसर रैंक के होने चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को निर्धारित की गई थी। मेडिकल बोर्ड को स्पष्ट रूप से रिपोर्ट करना था कि आसाराम की चिकित्सा स्थिति के लिए हॉस्पिटल में भर्ती की आवश्यकता है या नहीं और निरंतर चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है या नहीं?
गुजरात हाईकोर्ट से तीन सितंबर तक मिली हुई जमानत
गुजरात हाईकोर्ट से मेडिकल ग्रांउड पर आसाराम को तीन सितंबर तक जमानत मिली हुई है। गुजरात हाईकोर्ट ने 19 अगस्त को आदेश दिया था कि वर्तमान में आईसीयू में भर्ती होने और मेडिकल रिपोर्ट में गंभीर स्थिति दर्शाए जाने के आधार पर उनकी अस्थायी जमानत तीन सितंबर तक बढ़ाई जाती है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट में आवेदन की छूट दी थी।
(Udaipur Kiran) / सतीश