वैष्णो देवी मंदिर के पास भूस्खलन से तबाही, मरने वालों की संख्या 30 हुई
Webdunia Hindi August 28, 2025 10:42 AM


Jammu Kashmir, Mata Vaishno Devi Landslide: जम्मू-कश्मीर के कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर के पास भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से बडा हादसा हो गया है। इस हादसे में अब तक 30 लोगों की मौत हो गई है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन से 30 लोगों की जान चली गई है, जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं। बचाव और राहत कार्य जारी है। वहीं यात्रा अब रोक दी गई है।
बता दें कि न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कटरा स्थित वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर भूस्खलन में करीब 30 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे अधकुवारी में इंदरप्रस्थ भोजालय के पास हुआ। SSP रियासी परमवीर सिंह ने एएनआई को मृतकों की पुष्टि की है।

अधकुवारी मार्ग पर बड़ा हादसा : अधकुवारी वैष्णो देवी मंदिर की 12 किलोमीटर की चढ़ाई के बीच का अहम पड़ाव है। हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच गईं और राहत-बचाव अभियान जारी है।

बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें : भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बुधवार को जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर में लगातार भीषण गरज-चमक और मूसलाधार बारिश जारी है। कई इलाकों में ओलावृष्टि की भी संभावना जताई गई है। प्रभावित क्षेत्रों में जम्मू, आरएसपुरा, सांबा, अखनूर, नागरोता, कोट भलवाल, बिश्नाह, विजयपुर, पुरमंडल और कठुआ-उधमपुर शामिल हैं। रियासी, रामबन, डोडा, कटरा, रामनगर, हीरानगर, गूल और बनिहाल में भी मध्यम बारिश की रिपोर्ट आई है।

यात्रा पर लगी रोक : हादसे के तुरंत बाद वैष्णो देवी यात्रा रोक दी गई। सुबह से ही हिमकोटी मार्ग बारिश की वजह से बंद था और सुरक्षा कारणों से बाद में पुराना मार्ग भी बंद कर दिया गया। वहीं, जम्मू प्रशासन ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए रात में लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी है। लगातार बारिश से नदियों और नालों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। कई जगहों पर अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड्स) की स्थिति बन गई है। कठुआ में साहड़ खड्ड नदी पर बना पुल जलस्तर बढ़ने से क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे जम्मू-पठानकोट हाईवे पर यातायात बाधित हुआ। स्थानीय प्रशासन हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है।

पहले भी बारिश ने ली कई जानें : जम्मू क्षेत्र में मानसून ने इस बार भारी तबाही मचाई है। 17 अगस्त को कठुआ जिले में बादल फटने से 7 लोगों की मौत और 11 घायल हुए थे। वहीं 14 अगस्त को किश्तवाड़ में मचैल माता यात्रा के दौरान बादल फटने से कम से कम 55 लोगों की मौत हो गई थी। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 19 अगस्त को कहा था कि किश्तवाड़ की त्रासदी ग्लेशियर झील फटने से नहीं, बल्कि बादल फटने से हुई थी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इतने बड़े हादसे में और जीवित लोगों को ढूंढ पाना लगभग नामुमकिन है।
Edited By: Navin Rangiyal
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