National Sports Day: 29 अगस्त को क्यों मनाया जाता है नेशनल स्पोर्ट्स डे, इस डेट को चुनने की क्या थी वजह?
TV9 Bharatvarsh August 28, 2025 08:42 PM

29 अगस्त भारतीय खिलाड़ियों के बेहद खास दिन होता है. इस दिन देश में नेशनल स्पोर्ट्स डे मनाया जाता है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि नेशनल स्पोर्ट्स डे मनाने के लिए इसी दिन को क्यों चुना गया? दरअसल इस दिन एक ऐसे खिलाड़ी ने जन्म लिया था, जिसने हॉकी में पूरी दुनिया में भारत का नाम ऊंचा कर दिया था. हॉकी के इस जादूगर ने अपने खेल से सबको अपना दीवाना बना दिया था. जी हां, हम बात कर रहे हैं महान खिलाड़ी ध्यानचंद की, जिन्होंने हॉकी को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया था. उन्हीं को याद करते हुए केंद्र सरकार ने उनकी जयंती पर नेशनल स्पोर्ट्स डे मनाने के फैसला साल 2012 में किया था.

ओलंपिक में भारत को दिलाया था गोल्ड मेडल

मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद के एक राजपूत परिवार में हुआ था. उनके पिता सेना में थे. उन्हीं को देखते हुए मेजर ध्यानचंद ने सेना में जाने का फैसला किया. सेना में ही उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया. ध्यानचंद ने 1928 में इंग्लिश इंडियन हॉकी टीम के खिलाड़ी के तौर पर एम्सटर्डम में हुए ओलंपिक में डेब्यू किया था. इस दौरान उन्होंने 14 गोल किए थे. इस ओलंपिक में भारत ने गोल्ड मेडल जीता था. इसके बाद 1932 और 1936 के ओलंपिक में भी वो गोल्ड जीतने वाली टीम का हिस्सा थे.

मेजर ध्यानचंद ने 1926 से 1948 तक अपने करियर में 400 से ज्यादा इंटरनेशनल गोल किए थे, जबकि अपने पूरे करियर में उन्होंने लगभग 1,000 गोल अपने नाम किए थे. 1956 में उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

क्यों गए हॉकी का जादूगर?

ऐसा कहा जाता है कि मेजर ध्यानचंद जब भी हॉकी खेलते थे, तो मानो गेंद उनकी स्टिक से चिपक जाती थी. इस बात को गलत साबित करने के लिए हॉलैंड (नीदरलैंड) में एक मैच के दौरान उनकी हॉकी स्टिक को तोड़कर चेक किया गया था. इतना ही नहीं, जापान में भी एक मैच के दौरान उनकी स्टिक में गोंद लगे होने की बात भी कही गई थी. हालांकि ऐसा कभी कुछ साबित नहीं हुआ.

एक मैच में लगातार कई बार कोशिश करने के बाद भी ध्यानचंद गोल करने में नाकाम रहे. ऐसा उनके साथ उससे पहले कभी नहीं हुआ था. वो बार-बार कोशिश करते रहे, लेकिन गेंद गोल पोस्ट के अंदर नहीं जा रही थी. आखिरकार उन्होंने गोल पोस्ट की लंबाई को लेकर रेफरी से शिकायत की. ये देखकर सभी लोग काफी हैरान थे. ध्यानचंद की शिकायत पर जब गोल पोस्ट को नापा गया, तो नियमों के मुताबिक गोल पोस्ट छोटा था.

नेशनल स्पोर्ट्स डे पर क्या होता है खास?

नेशनल स्पोर्ट्स डे पर हर साल अच्छा प्रदर्शन करते वाले खिलाड़ियों और कोच को राष्ट्रपति सम्मानित करते हैं. इस दौरान अलग-अलग कैटेगरी में अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिए जाते हैं. यही नहीं इस दिन कई स्कूलों और कॉलेज में अलग-अलग टूर्नामेंट कराए जाते हैं और विजेताओं को अवार्ड भी दिए जाते हैं.

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