उत्तर प्रदेश में करीब डेढ़ दशक बाद होने वाली जनगणना में इस बार स्वरूप और सवालों में महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। तकनीक का व्यापक उपयोग होगा और जाति से संबंधित जानकारी भी पूछी जाएगी।
जनगणना में बदलावसरकारी सूत्रों के अनुसार, नई जनगणना में डिजिटल तकनीक को शामिल किया जाएगा ताकि डेटा एकत्र करने और प्रोसेसिंग में सुविधा हो। इसके साथ ही सर्वेक्षण में पूछे जाने वाले सवालों में भी बदलाव किया जाएगा, ताकि वास्तविक और व्यापक जानकारी जुटाई जा सके।
प्री-टेस्ट का महत्वसरकार ने कहा है कि जनगणना से पहले प्री-टेस्ट किया जाएगा ताकि जमीन पर तैयारियों का सही आकलन किया जा सके। प्री-टेस्ट से यह पता लगाया जाएगा कि कितनी टीमों, उपकरणों और प्रशिक्षण की जरूरत है और सर्वेक्षण के दौरान किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
केंद्र का निर्देशकेंद्र सरकार ने यूपी सरकार को पत्र लिखकर प्री-टेस्ट की तैयारियों का समन्वय करने का निर्देश दिया है। इसके तहत विभिन्न जिलों में प्रायोगिक सर्वेक्षण कर वास्तविक परिस्थितियों का अध्ययन किया जाएगा।