टीनएज पीरियड का दर्द भविष्य में हो सकता है स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा, नई स्टडी में हुआ खुलासा
Navyug Sandesh Hindi September 01, 2025 06:42 PM

किशोरावस्था में पीरियड का दर्द (डिसमेनोरिया) केवल एक असहज अनुभव नहीं होता, बल्कि यह लड़कियों के भविष्य के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय बन सकता है। हाल ही में प्रकाशित एक नई स्टडी में यह बात सामने आई है कि टीनएज में पीरियड के दौरान होने वाला तेज दर्द महिलाओं के जीवन के आगे के वर्षों में विभिन्न स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है।

पीरियड का दर्द: सिर्फ असहजता से कहीं ज्यादा

पीरियड के दौरान होने वाला दर्द आमतौर पर मासिक धर्म से जुड़ी सामान्य समस्या माना जाता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि किशोरियों में इस दर्द को नजरअंदाज करना या इसका इलाज न कराना भविष्य में गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है। इस दर्द को अक्सर डिसमेनोरिया के नाम से जाना जाता है, जो तेज और लगातार होने वाला दर्द होता है, जो दैनिक जीवन को प्रभावित करता है।

नई स्टडी में क्या मिला?

एक प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, टीनएज में पीरियड के दौरान ज्यादा दर्द अनुभव करने वाली लड़कियों में भविष्य में एंडोमेट्रियोसिस, पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसी महिलाओं से जुड़ी बीमारियों का खतरा अधिक पाया गया।

महिला स्वास्थ्य विशेषज्ञ, कहती हैं,
“किशोरियों में मासिक धर्म के दर्द को हल्के में लेना खतरा हो सकता है। यह न केवल उनकी दैनिक गतिविधियों को प्रभावित करता है, बल्कि भविष्य में उनकी प्रजनन क्षमता और सामान्य स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव डाल सकता है।”

दर्द के कारण और नतीजे

पीरियड के दर्द के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि हार्मोनल असंतुलन, मासिक धर्म के दौरान मांसपेशियों का सिकुड़ना, या गर्भाशय की स्थिति। लेकिन अगर यह दर्द असामान्य रूप से तीव्र और लगातार हो, तो यह संकेत हो सकता है कि महिला को किसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

दर्द के लगातार बने रहने से न केवल शारीरिक कष्ट होता है, बल्कि मानसिक तनाव, अवसाद और सामाजिक अलगाव जैसी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं।

लड़कियों और माता-पिता के लिए जरूरी सावधानियां

दर्द को नजरअंदाज न करें: किशोरावस्था में यदि पीरियड के दर्द की तीव्रता सामान्य से अधिक हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद से हार्मोन संतुलन बनाए रखना मददगार होता है।

सामान्य घरेलू उपाय: गर्म पानी की सिकाई या हल्का व्यायाम पीरियड के दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है।

मनोवैज्ञानिक समर्थन: मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी आवश्यक है क्योंकि दर्द के साथ मानसिक तनाव से लड़ना पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का सुझाव

महिला स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पीरियड के दर्द को लेकर जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।

डॉ. बताती हैं, “स्कूलों और परिवारों को लड़कियों को मासिक धर्म और उससे जुड़ी समस्याओं के बारे में खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वे बिना किसी शर्मिंदगी के अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो सकें।”

यह भी पढ़ें:

पेशाब के दौरान ठंड लगना — क्या यह सामान्य है या किसी गंभीर बीमारी का संकेत

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.