भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। लेकिन अब भारत में लग्ज़री इलेक्ट्रिक कार खरीदना और भी महंगा हो सकता है। ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, टैक्स पैनल ने सुझाव दिया है कि 46,000 डॉलर (करीब 40 लाख रुपये) से ज़्यादा कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST बढ़ा दिया जाए। जिसका टेस्ला, मर्सिडीज़-बेंज, BMW और BYD जैसी विदेशी कंपनियों की बिक्री पर बड़ा असर पड़ सकता है।
टैक्स पैनल की सिफ़ारिशET की रिपोर्ट के अनुसार, टैक्स पैनल ने सुझाव दिया है कि 40 लाख रुपये से कम कीमत वाले सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाया जाए। जो अभी 5 प्रतिशत है। मान लीजिए अगर कार की कीमत 40 लाख रुपये से कम है और उस पर 18 प्रतिशत टैक्स लगता है, तो उसकी कीमत में 7.20 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। वहीं, अगर किसी कार की कीमत 40 लाख रुपये से ज़्यादा है, यानी 50 लाख रुपये, तो उस पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसके बाद कार की कीमत 14 लाख रुपये बढ़ सकती है।
परिषद की बैठक और बाज़ार की प्रतिक्रियावित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली और सभी राज्यों के प्रतिनिधियों वाली जीएसटी परिषद 3 और 4 सितंबर को इस प्रस्ताव पर चर्चा करेगी, और अंतिम निर्णय वही लेंगे।
भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ारभारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार अभी छोटा है, लेकिन तेज़ी से बढ़ रहा है। अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच देश में बिकने वाली कुल कारों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी केवल 5% थी। हालाँकि, इस दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 93% बढ़कर 15,500 इकाई हो गई। पैनल का मानना है कि 5% कर दर का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित करना था, लेकिन अब महंगे वाहनों पर अलग से कर लगाना भी ज़रूरी है।
घरेलू और विदेशी कंपनियों पर असरअगर नया कर लागू होता है, तो महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी घरेलू कंपनियों पर इसका असर सीमित रहेगा, क्योंकि उनकी ज़्यादातर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत 20 लाख रुपये से कम है। लेकिन विदेशी कंपनियों को बड़ा झटका लग सकता है। उदाहरण के लिए, टेस्ला ने हाल ही में भारत में मॉडल Y लॉन्च किया है जिसकी शुरुआती कीमत 59.89 लाख रुपये है। मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और बीवाईडी भी भारत में महंगी इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ बेच रही हैं।
बाजार हिस्सेदारी का एक संक्षिप्त विवरणजुलाई 2025 तक, टाटा मोटर्स 40% हिस्सेदारी के साथ भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में सबसे आगे है। महिंद्रा की हिस्सेदारी 18% थी, जबकि बीवाईडी की 3% और मर्सिडीज-बेंज और बीएमडब्ल्यू की संयुक्त रूप से 2% बाजार हिस्सेदारी थी। टेस्ला ने हाल ही में भारत में दो नए शोरूम खोले हैं और बुकिंग शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक डिलीवरी शुरू नहीं की है। एलन मस्क लंबे समय से भारत द्वारा आयातित कारों पर 100% तक टैरिफ लगाने की आलोचना करते रहे हैं। अगर जीएसटी भी बढ़ा दिया जाता है, तो टेस्ला जैसी कंपनियों के लिए भारत में कारोबार करना और मुश्किल हो सकता है।