भीलवाड़ा में बारिश का कहर, जलभराव से आमजन बेहाल, विधायक और महापौर के बीच मौके पर हुई तकरार
aapkarajasthan September 08, 2025 10:42 PM

राजस्थान के भीलवाड़ा में हुई तेज बारिश ने एक बार फिर नगर निगम की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। बारिश के बाद शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। खासतौर पर विजयसिंह पथिक नगर इलाके में हालात इतने बिगड़ गए कि सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं और आमजन को आवाजाही में दिक्कत का सामना करना पड़ा।

जलभराव से लोगों की मुश्किलें

तेज बारिश के बाद विजयसिंह पथिक नगर में कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम ने नालों की सफाई और ड्रेनेज सिस्टम पर ध्यान नहीं दिया, जिसकी वजह से थोड़ी सी बारिश में भी क्षेत्र में पानी भर जाता है। जलभराव के कारण बच्चों की स्कूल जाने की राह मुश्किल हो गई और दुकानदारों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा।

मौके पर पहुंचे विधायक और महापौर

जलभराव की स्थिति को देखते हुए विधायक अशोक कोठारी और महापौर राकेश पाठक हालात का जायजा लेने मौके पर पहुंचे। लेकिन स्थिति का समाधान निकालने के बजाय दोनों नेताओं के बीच जमकर कहासुनी हो गई। बताया जा रहा है कि विधायक ने नगर निगम की लापरवाही पर सवाल उठाए, जिस पर महापौर ने पलटवार करते हुए निगम के सीमित संसाधनों का हवाला दिया।

नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप

मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, विधायक अशोक कोठारी ने कहा कि, “हर साल बारिश से पहले नालों की सफाई और ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। लेकिन निगम केवल बैठकों और कागजों तक ही सीमित रह गया है।”
इस पर महापौर राकेश पाठक ने जवाब दिया कि, “निगम लगातार काम कर रहा है। बारिश असामान्य रूप से ज्यादा हुई है, ऐसे में अचानक जलभराव को पूरी तरह रोक पाना संभव नहीं है।”

इस दौरान दोनों नेताओं के बीच जमकर बहस हुई और कई बार स्थिति तनावपूर्ण भी हो गई। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया।

आमजन के बीच नाराज़गी

विजयसिंह पथिक नगर के लोगों ने कहा कि नेता आपस में बहस करने के बजाय समस्या का समाधान करें। “हर बार बारिश में हमें यही हालात झेलने पड़ते हैं। निगम और प्रशासन केवल आश्वासन देते हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाते।” स्थानीय लोगों ने मांग की है कि ड्रेनेज सिस्टम को तत्काल दुरुस्त किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।

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