यामीन विकट, ठाकुरद्वारा। गांव में पहले से ही तीन श्मशान होने के बावजूद, मुस्लिम समुदाय की बस्ती के ठीक बगल में नया श्मशान बनाने की कोशिश ने विवाद खड़ा कर दिया है। ग्रामीणों ने इस मामले में प्रमुख राजस्व सचिव सहित कई बड़े अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर अपनी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि यह कदम गांव के सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ सकता है।
मुस्लिम समुदाय की आपत्तिकोतवाली क्षेत्र के ग्राम करना वाला खालसा के मुस्लिम समुदाय के कई लोगों ने शिकायती पत्र में बताया कि गांव में हिंदू आबादी करीब एक हजार है और पहले से ही तीन श्मशान मौजूद हैं। इसके बावजूद, ग्राम प्रधान द्वारा मुस्लिम बस्ती के बिल्कुल पास, ग्राम समाज की जमीन (गाटा संख्या 402) पर एक और श्मशान बनाने की तैयारी की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें श्मशान से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसे आबादी से दूर किसी दूसरी जगह बनाया जाए।
नियमों की अनदेखी का आरोपशिकायत में यह भी कहा गया है कि उक्त जमीन की श्रेणी बदलने का अधिकार केवल राजस्व परिषद के पास है। बिना श्रेणी बदले इस जमीन पर कोई निर्माण नहीं हो सकता। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व गांव के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। यह जमीन मुस्लिम बस्ती से महज तीन मीटर की दूरी पर है, जहां हिंदू और मुस्लिम समुदाय मिलकर खेती करते हैं। अगर यहां चिताएं जलाई गईं, तो आसपास के घरों में आग लगने का खतरा भी बना रहेगा।
पहले भी हो चुकी है ऐसी कोशिशग्रामीणों ने बताया कि साल 2024 में भी कुछ लोगों ने इसी तरह की कोशिश की थी, लेकिन तब मामला शांत हो गया था। अब एक बार फिर गांव के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। ग्रामीणों ने अधिकारियों से गुहार लगाई है कि श्मशान को आबादी से दूर बनाया जाए, ताकि गांव में सौहार्द बना रहे। शिकायती पत्र पर महबूब, कलुआ, इस्लामुद्दीन, रकाती शाह, मनव्वर सहित कई लोगों के हस्ताक्षर हैं।
सौहार्द बनाए रखने की मांगग्रामीणों का कहना है कि गांव में हिंदू-मुस्लिम समुदाय मिलजुलकर रहते हैं। इस तरह का निर्माण न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि इससे दोनों समुदायों के बीच तनाव पैदा हो सकता है। वे चाहते हैं कि प्रशासन इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे और श्मशान को ऐसी जगह बनाया जाए, जहां किसी को कोई आपत्ति न हो।