जगद्गुरु रामभद्राचार्य इन दिनों उत्तर प्रदेश के मेरठ में हैं। यहाँ विक्टोरिया पार्क में उनकी कथा चल रही है। मेरठ से रामभद्राचार्य ने कुछ ऐसा कह दिया, जिसे लेकर देश में बवाल मच गया है। उन्होंने पश्चिमी यूपी को 'मिनी पाकिस्तान' बताया, जिस पर विपक्ष उन पर हमलावर है। एक इंटरव्यू में रामभद्राचार्य ने गांधीजी की हत्या, नाथूराम गोडसे, आरक्षण, हिंदू राष्ट्र और मुसलमानों को लेकर ऐसे बयान दिए हैं, जिन पर बवाल मच गया है।
गांधी जी हीरो हैं या नहीं, क्या बोले रामभद्राचार्य?
टीवी9 के एक इंटरव्यू में रामभद्राचार्य से पूछा गया कि क्या वह गांधीजी को हीरो मानते हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'मैं क्रांतिकारियों को हीरो मानता हूँ। गांधीजी मुझे प्रिय हैं, लेकिन अगर भगत सिंह, चंद्रशेखर, मंगल पांडे ने मेरठ में क्रांति नहीं की होती, तो अंग्रेज कभी नहीं जाते।' हालाँकि उन्होंने कहा कि वह गांधी को महात्मा मानते हैं, लेकिन वह एक अच्छे हीरो भी हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि गांधी जी ने 'रघुपति राघव राजा राम वाले' के गीत के साथ छेड़छाड़ की थी।
नाथूराम आतंकवादी था या नहीं?
नाथूराम को देश का पहला आतंकवादी कहा जाता है। रामभद्राचार्य ने कहा कि नाथूराम गोडसे आतंकवादी नहीं था। उसने महात्मा गांधी की तत्कालीन परिस्थितियों के आधार पर ऐसा किया था। उसने पीड़ा के कारण यह अपराध किया था। लेकिन यह ठीक नहीं हुआ।
गौतम बुद्ध को भगवान मानते थे?
जगद्गुरु ने कहा, 'कभी नहीं, हिंदुओं ने अपने भगवान को मुक्का मारा है। गौतम बुद्ध नेपाल में पैदा हुए थे। नेपाल की स्थिति के बारे में तो कुछ कहना ही नहीं है। हमारे भगवान बुद्ध हैं। उनका नाम कश्यप बुद्ध था। वे ब्राह्मण भी थे और ब्रह्मचारी भी। उन्होंने वेदों की निंदा नहीं की। वेद असुरों से छीनकर अधिकारियों को दे दिए गए थे। मैं गौतम बुद्ध को संत मानता हूँ, भगवान नहीं। मुझे बुद्ध की पहचान पृथ्वी से करने पर कोई आपत्ति नहीं है। भगवान विष्णु का अवतार कहना गलत है। बौद्ध धर्म स्वयं कहता है कि हिंदू मूर्ख हैं जो उन्हें भगवान मानते हैं।'
धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू गाँव के बारे में क्या कहा?
रामभद्राचार्य ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री ने कभी हिंदू गाँव नहीं कहा। हिंदू राष्ट्र कहा। हिंदू गाँव बहुत अच्छा है। जब पाकिस्तान में अलग-अलग गाँव हैं, गाजियाबाद हो सकता है, मुरादाबाद हो सकता है, तो हिंदुओं के नाम पर गाँव बनाने पर आपको क्या आपत्ति है?
अगड़े-पिछड़े वाले बयान पर ब्राह्मणों ने क्या कहा?
रामभद्राचार्य इससे पहले भी ब्राह्मणों पर दिए गए बयान के लिए आलोचनाओं के घेरे में आ चुके हैं, जिसमें उन्होंने उपाध्याय, चौबे और दीक्षित ब्राह्मणों को नीचा दिखाया था। इस पर उन्होंने कहा, 'मैंने कहा था कि उस दिन ब्राह्मणों ने उपाध्याय को अच्छी बातें नहीं कहीं - सरयूपारी की एक परंपरा थी, जो छात्रों से पैसे लेते हैं। आज भी अगर कोई ब्राह्मण संस्कृत पढ़ाने के लिए पैसे लेता है, तो मैं उसे अच्छा नहीं मानता। आज भी, उच्च जाति का ब्राह्मण अच्छा नहीं कहलाएगा। अगर वह छात्रों को पढ़ाने के लिए पैसे लेता है। संस्कृत पढ़ाते समय किसी को भी पैसे नहीं लेने चाहिए।'
आरक्षण का विरोध क्यों?
रामकथा वाचक ने कहा, 'मैं करूँगा। आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए।' अगर आरक्षण जाति के आधार पर नहीं है, तो मैं हरिजन के हाथ का खाना खाने को तैयार हूँ। मैं वादा करता हूँ। आपके निःत्र में शक्ति हो तब बड़े IAS, ब्राह्मणों का लड़का 100% लाकर जूते सिल रहा है। किसी और का लड़का 4% लाकर IAS बन रहा है। जहाँ प्रतिभा का अपमान होता है, वह देश कैसे तरक्की करेगा?
RSS के आरक्षण पर रामभद्राचार्य क्या बोले?
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा, तो किसी दिन भारत में गृहयुद्ध हो जाएगा। अगर जाति के आधार पर आरक्षण है, तो सभी पार्टियाँ जाति आधारित आरक्षण पर गलत कर रही हैं।
क्या एक लड़की को अपने वर्ण में शादी करनी चाहिए?
रामभद्राचार्य ने कहा कि आज का इतिहास गवाह है, जो अपने वर्ण में शादी करती है, वह सुखी रहती है। दूसरी जाति में शादी करने वाली लड़कियों को कष्ट सहना पड़ता है। इसलिए मैं कहूँगा कि आपको अपने वर्ण में शादी करनी चाहिए। लव जिहाद में आपने देखा होगा कि लड़की को 34 टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रख दिया गया था। लड़कियों को लव जिहाद से बचना चाहिए।
क्या आप मुस्लिम विरोधी हैं?
उन्होंने कहा, 'जो भी यहाँ रहेगा, रघुवर के साथ रहेगा, बावर के साथ रहेगा, तो हम उसे सुधारेंगे नहीं। हिंदू राष्ट्र में मुसलमानों का क्या स्थान होगा, इस पर उन्होंने कहा कि हमने वृंदावन में रसखान को समाधि नहीं दी। चित्रकूट में अब्दुल रहीम खानखाना को नहीं माना जाता। मैं मुसलमानों से कहता हूँ, प्रेम से जियो। खुद जियो और दूसरों को भी जीने दो। उसे वंदे मातरम कहना होगा। भारत माता की जय बोलना होगा। रामकृष्ण का सम्मान होगा।'
रामभद्राचार्य ने कहा, 'मुसलमानों मत जाओ, पर इतना नुकसान मत करो, जो राम जी बन जाए, उसे गोली मार दो। अपने अधिकारों के लिए नारे लगते हैं। वो हमारे लिए कुछ नहीं करते। हम कुछ नहीं करेंगे। संभल में क्या हुआ? इतना पलायन हो गया, कोई नहीं बचा। हमारे मंदिर जहाँ-जहाँ हों, हमें नहीं चाहिए। हमें उनका मक्का नहीं चाहिए, हमें अजमेर शरीफ नहीं चाहिए, पर हमें अपना अधिकार चाहिए।' अपने अधिकारों को गँवाकर बैठ जाना बहुत बड़ा अपराध है।
काशी-मथुरा के लिए कोई आंदोलन नहीं?
उन्होंने कहा कि हम करेंगे। वे नहीं करेंगे। संत शुरुआत करेंगे। पहले मरियम थीं। मेरी गवाही के कारण राम जन्मभूमि मिली और राम मंदिर बना। लेकिन अविमुक्तेश्वरानंद सवाल उठा रहे थे, हमने उन्हें सबूत भेज दिए हैं।