दिल्ली के धौला कुआं में रविवार को वित्त मंत्रालय में कार्यरत डिप्टी डायरेक्टर नवजोत सिंह की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. BMW चालक गगनप्रीत नाम की महिला ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मारी थी, जिसके बाद गगनप्रीत उन्हें और उनकी पत्नी को घटनास्थल से 19 किलोमीटर दूर अस्पताल ले गई थी, जहां नवजोत सिंह को मृत घोषित कर दिया गया था. बाइक को टक्कर मारने वाली महिला गगनप्रीत को पुलिस ने इस मामले में सोमवार को हिरासत में ले लिया था और दिल्ली के एक कोर्ट ने आरोपी गगनप्रीत को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
सोमवार को गगनप्रीत को ड्यूटी मजिस्ट्रेट आकांक्षा सिंह के आवास पर पेश किया गया. इस दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट आकांक्षा सिंह ने कहा कि गगनप्रीत से हिरासत में किसी तरह की पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है और गगनप्रीत को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इसके साथ ही कोर्ट की ओर से गगनप्रीत की जमानत याचिका को लेकर दिल्ली पुलिस और नवजोत सिंह के घर वालों को नोटिस जारी कर 17 सितंबर तक जवाब दाखिला करने का आदेश दिया.
गगनप्रीत ने बताई दूर अस्पताल ले जाने की वजहइस घटना में नवजत सिहं की मौत हो गई थी. उनके साथ उनकी पत्नी भी हादसे के दौरान मौजूद थीं, जो घायल हैं. इसके अलावा आरोपी महिला को भी चोट आई थी. हालांकि, सोमवार को महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया था. इस घटना में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर महिला नवजोत और उनकी पत्नी को घटनास्थल के पास अस्पताल होने के बावजूद 19 किलोमीटर दूर न्यू लाइफ अस्पताल क्यों लेकर गई?
जब ये सवाल आरोपी महिला से पूछा गया तो उसने कहा कि कोरोना काल के दौरान मेरी 6 साल की बेटी बहुत ज्यादा बीमार हो गई थी. सभी अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए थे और उसे अस्पताल में भर्ती लेने से भी इनकार कर दिया था, लेकिन न्यू लाइफ अस्पताल ने मेरी बेटी को भर्ती कर लिया था और भर्ती कर लिया था. इसके बाद बेटी का लंबा इलाज चला और उसकी जान बच गई थी. इसलिए मुझे न्यू लाइफ अस्पताल पर भरोसा था. घायलों की जान बच जाए. इसलिए मैं और मेरे पति उन्हें न्यू लाइफ अस्पताल लेकर गए.
पत्नी ने पास के अस्पताल ले जाने की लगई थी गुहारलेकिन, नवजोत सिंह की पत्नी का आरोप है कि उन्होंने घायल अवस्था में ही जब उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था, कई बार गुहार लगाई कि उन्हें पास के ही अस्पताल ले चलो और जल्दी से भर्ती करा दो. वह बच सकते हैं, लेकिन मेरी एक बात नहीं सुनी गई और वह हमें 19 किलोमीटर दूर एक छोटे से अस्पताल ले गए. अब मामले में आरोपी महिला को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और मामले में कार्रवाई जारी है.