भारत का ऐसा अनोखा मंदिर जहां लोग करते हैं भगवान की शिकायत, देवी-देवता को भी मिलती है सजा
Samachar Nama Hindi September 16, 2025 08:42 PM

जब हम किसी भी परिस्थिति में असहाय महसूस करते हैं तो भगवान को याद करते हैं। या जब किसी ने हमें ठेस पहुंचाई है तो हम भगवान से शिकायत करते हैं। कई बार ऐसा होता है जब हमें हर जगह चोट लगती है। लाख कोशिशों के बावजूद भी हम उस दर्द से उभर नहीं पाते हैं। जब हर तरफ से हार का सामना करना पड़ता है तो लोग भगवान के आगे हाथ फैला देते हैं और जब किसी असहाय व्यक्ति की पुकार भगवान नहीं सुनते। इसलिए लोग दुःख के कारण भगवान को कोसने लगते हैं। आज हम आपको भारत में स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भगवान को सजा देने के लिए अदालत लगती है। इस अदालत में ईश्वर के विरुद्ध अपराधों की सुनवाई की जाती है और उन्हें अदालत में लाया जाता है। आपको बता दें कि भगवान के खिलाफ अपराध साबित होने के बाद उसे उचित सजा भी दी जाती है।

यह सज़ा मंदिर से निर्वासित करने से लेकर मौत तक हो सकती है। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के केशकाल नगर में भंगाराम देवी का मंदिर है। यहां हर वर्ष भादो माह में जात्रा का आयोजन किया जाता है। इस क्षेत्र के नौ परगना के 55 गांवों में स्थापित मंदिरों में सैकड़ों देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। हर साल आयोजित होने वाली इस जात्रा में सभी गांवों के लोग अपने भगवान को इस अनोखे दरबार में पेश करते हैं। यहां आने वाले लोग भंगाराम देवी से न्याय दिलाने की गुहार लगाते हैं। इसके बाद भंगाराम देवी का पुजारी बेहोश हो जाता है. यहां के लोगों का मानना है कि देवी भंगाराम स्वयं पुजारी के अंदर प्रवेश करती हैं और फिर पुजारी के माध्यम से फैसला सुनाती हैं। आपको बता दें कि देवताओं को सजा के तौर पर मंदिर से 6 महीने तक के निष्कासन से लेकर खंडित (मृत्युदंड) से लेकर कारावास तक की सजा दी जाती है।

जब हम किसी भी परिस्थिति में असहाय महसूस करते हैं तो भगवान को याद करते हैं। या जब किसी ने हमें ठेस पहुंचाई है तो हम भगवान से शिकायत करते हैं। कई बार ऐसा होता है जब हमें हर जगह चोट लगती है। लाख कोशिशों के बावजूद भी हम उस दर्द से उभर नहीं पाते हैं। जब हर तरफ से हार का सामना करना पड़ता है तो लोग भगवान के आगे हाथ फैला देते हैं और जब किसी असहाय व्यक्ति की पुकार भगवान नहीं सुनते। इसलिए लोग दुःख के कारण भगवान को कोसने लगते हैं। आज हम आपको भारत में स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भगवान को सजा देने के लिए अदालत लगती है। इस अदालत में ईश्वर के विरुद्ध अपराधों की सुनवाई की जाती है और उन्हें अदालत में लाया जाता है। आपको बता दें कि भगवान के खिलाफ अपराध साबित होने के बाद उसे उचित सजा भी दी जाती है।

यह सज़ा मंदिर से निर्वासित करने से लेकर मौत तक हो सकती है। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के केशकाल नगर में भंगाराम देवी का मंदिर है। यहां हर वर्ष भादो माह में जात्रा का आयोजन किया जाता है। इस क्षेत्र के नौ परगना के 55 गांवों में स्थापित मंदिरों में सैकड़ों देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। हर साल आयोजित होने वाली इस जात्रा में सभी गांवों के लोग अपने भगवान को इस अनोखे दरबार में पेश करते हैं। यहां आने वाले लोग भंगाराम देवी से न्याय दिलाने की गुहार लगाते हैं। इसके बाद भंगाराम देवी का पुजारी बेहोश हो जाता है. यहां के लोगों का मानना है कि देवी भंगाराम स्वयं पुजारी के अंदर प्रवेश करती हैं और फिर पुजारी के माध्यम से फैसला सुनाती हैं। आपको बता दें कि देवताओं को सजा के तौर पर मंदिर से 6 महीने तक के निष्कासन से लेकर खंडित (मृत्युदंड) से लेकर कारावास तक की सजा दी जाती है।

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.