ट्रंप की ब्रिटेन यात्रा पर सबकी नजर, ब्रिटेन और अमेरिका करेंगे ऐतिहासिक तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर

डोनाल्ड ट्रंप की ब्रिटेन यात्रा को लेकर दुनिया भर में नजरें टिकी हुई हैं. ऐसे में क्या कुछ होने वाला है इस बार आइये पूरी डिटेल्स के साथ इस आर्टिकल में जानते है.
ब्रिटेन सरकार ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की राजकीय यात्रा के दौरान दोनों देश एक बड़े तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. ये समझौता AI, क्वांटम कंप्यूटिंग और जैसी तकनीकों के सहयोग को और मजबूत करेगा.
इस समझौते से क्या होगा फायदा ?ब्रिटेन के विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विभाग (DSIT) ने कहा है कि इस समझौते से दोनों देशों के व्यवसायों और उपभोक्ताओं को बड़ा फायदा होगा. हालांकि अभी तक समझौते के बारीक पहलुओं का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन ये तो तय है कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और सरकारी कामकाज जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाएं खुलेंगी.
नई प्रौद्योगिकी सचिव लिज़ केंडल ने बताया कि आने वाले समय में एआई और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी तकनीकें आम लोगों की जिंदगी बदलने का दम रखती हैं. उनका मानना है कि ये सहयोग सार्वजनिक सेवाओं में सुधार और चिकित्सा क्षेत्र में नई प्रगति लाने में मदद करेगा.
ट्रंप पर सबकी नजर राष्ट्रपति ट्रंप इस बार ब्रिटेन अपनी दूसरी राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं. उनके साथ अमेरिकी व्यापारिक नेताओं का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी होगा. इसमें एनवीडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग और ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन शामिल हैं. उम्मीद है कि ये दोनों ब्रिटेन के डेटा सेंटरों में अरबों डॉलर के निवेश का ऐलान करेंगे.
सिर्फ इतना ही नहीं, अमेरिकी क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनी कोरवीव भी निवेश की तैयारी में है. इस बीच दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक ने ब्रिटेन के डेटा सेंटर बाजार में 500 मिलियन यूरो यानी करीब 678 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक का निवेश करने की योजना का खुलासा किया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि ये समझौता सिर्फ ब्रिटेन और अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया की तकनीकी दौड़ पर असर डालेगा. फिलहाल दोनों देश एआई, सेमीकंडक्टर, दूरसंचार और क्वांटम तकनीक जैसे क्षेत्रों में पहले से सहयोग कर रहे हैं. नए समझौते से दोनों देशों की स्थिति वैश्विक मंच पर और मजबूत होगी.