सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण: क्या पितरों की विदाई में आएगी कोई रुकावट? जानिए सच्चाई
Newsindialive Hindi September 17, 2025 07:42 AM

इस साल पितृ पक्ष के आखिरी दिन,यानी सर्वपितृ अमावस्या पर एक ऐसा संयोग बन रहा है,जिसने कई लोगों के मन में उलझन पैदा कर दी है. पितरों की विदाई के इस खास दिन पर साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है. अब सवाल यह उठता है कि क्या ग्रहण के साये में पितरों को विदा करना सही होगा?क्या श्राद्ध,तर्पण जैसे जरूरी काम किए जा सकेंगे?अगर आपके मन में भी यह सवाल है,तो चिंता की कोई बात नहीं है. आइए,इस दुविधा को दूर करते हैं.क्या श्राद्ध कर्म पर पड़ेगा ग्रहण का असर?ज्योतिषियों के मुताबिक,यह सूर्य ग्रहण21सितंबर की रात10बजकर59मिनट पर शुरू होगा और देर रात3बजकर23मिनट पर खत्म होगा. सबसे ध्यान देने वाली बात यह है कि उस समय भारत में रात होगी और यह ग्रहण यहां से दिखाई नहीं देगा.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,किसी भी ग्रहण का सूतक काल वहीं मान्य होता है,जहां वह दिखाई देता है. क्योंकि यह ग्रहण भारत में नज़र नहीं आएगा,इसलिए इसका सूतक काल भी यहां लागू नहीं होगा.इसका सीधा मतलब है कि आप21सितंबर को दिन में बिना किसी चिंता के अपने पितरों का श्राद्ध,तर्पण,पिंडदान और ब्राह्मण भोज जैसे सभी कर्मकांड विधि-विधान से कर सकते हैं. इस दिन न तो मंदिरों के कपाट बंद होंगे और न ही किसी तरह के धार्मिक कार्यों पर कोई रोक होगी.कहां-कहां दिखाई देगा यह सूर्य ग्रहण?हालांकि भारत में यह ग्रहण नहीं दिखेगा,लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में यह खगोलीय घटना देखने को मिलेगी. यह सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया,अंटार्कटिका,अफ्रीका,हिंद महासागर,न्यूजीलैंड और एशिया के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा.ग्रहण के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?वैसे तो सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है,जैसे गर्भवती महिलाओं का बाहर न निकलना,खाने-पीने से परहेज करना और ग्रहण के बाद स्नान-दान करना. लेकिन यह नियम उन्हीं जगहों पर लागू होते हैं,जहां ग्रहण दिखाई देता है. क्योंकि भारत में यह अदृश्य रहेगा,इसलिए यहां के लोगों को इन सावधानियों को लेकर परेशान होने की ज़रूरत नहीं है.
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