Pitru Paksha 2025 : एकादशी श्राद्ध कब है? जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पितरों को जल देने की सरल विधि
Newsindialive Hindi September 17, 2025 08:42 PM

News India Live, Digital Desk: पितृ पक्ष का समय हमारे पूर्वजों को याद करने, उनके प्रति अपना सम्मान जताने और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने का होता है। इन 16 दिनों में हर तिथि का अपना महत्व है, लेकिन एकादशी तिथि पर किया गया श्राद्ध बहुत खास माना जाता है। इसे 'ग्यारस श्राद्ध' भी कहते हैं।यह श्राद्ध उन लोगों के लिए किया जाता है, जिनके परिवार के किसी सदस्य का निधन किसी भी महीने की कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को हुआ हो। इसके अलावा, यह श्राद्ध उन संतों और तपस्वियों के लिए भी किया जाता है, जिन्होंने संसार त्याग दिया हो। मान्यता है कि इस दिन किया गया तर्पण और श्राद्ध सीधा हमारे पितरों तक पहुंचता है और उन्हें मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़ाता है।आइए जानते हैं कि साल 2025 में एकादशी श्राद्ध की सही तारीख क्या है और इस दिन तर्पण करने का शुभ मुहूर्त और सही विधि क्या है।एकादशी श्राद्ध 2025: तिथि और शुभ मुहूर्तश्राद्ध के लिए शुभ मुहूर्त: श्राद्ध कर्म हमेशा दोपहर के समय करना सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन श्राद्ध के लिए तीन प्रमुख मुहूर्त हैं:रौहिण मुहूर्तः दोपहर 12:40 से दोपहर 01:29 तक।अपराह्न काल (दोपहर का समय): दोपहर 01:29 से दोपहर 03:56 तक।आप अपनी सुविधानुसार इनमें से किसी भी मुहूर्त में श्राद्ध, तर्पण और ब्राह्मण भोजन करा सकते हैं।पितरों को जल देने की सरल विधि (तर्पण विधि)एकादशी श्राद्ध के दिन आप घर पर ही बहुत सरल तरीके से अपने पितरों को जल अर्पित कर सकते हैं, जिसे तर्पण कहते हैं।अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर करके बैठें।एक तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें। उसमें थोड़े से काले तिल, जौ और एक सफेद फूल मिला लें।अपने हाथ में कुश (एक प्रकार की पवित्र घास) लें।अब अपने पितरों का मन में ध्यान करते हुए, कुश लगे हाथों से जल को धीरे-धीरे किसी पात्र में या जमीन पर गिराएं। जल देते समय मन में बोलें, "हे मेरे पितृगण, यह जल मैं आपको अर्पित कर रहा हूं, इसे स्वीकार करें और तृप्त हों।"जल देने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।इस दिन क्या करें?गाय, कौवे, कुत्ते और चींटी के लिए भोजन का अंश अवश्य निकालें। माना जाता है कि इन रूपों में हमारे पितर भोजन ग्रहण करने आते हैं।इस दिन तामसिक भोजन (प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा) का सेवन करने से बचें और घर में शांति का माहौल बनाए रखें।
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