महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर थकान, ऐंठन और मूड स्विंग्स की शिकायत होती है, लेकिन कुछ महिलाओं को इस दौरान लो ब्लड प्रेशर (Low BP) की समस्या भी होती है, जो न केवल असहजता बढ़ाती है बल्कि कामकाज को भी प्रभावित करती है।
ब्लड प्रेशर गिरने पर चक्कर आना, कमजोरी, थकावट, सिरदर्द और धुंधला दिखाई देना जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। यह स्थिति तब और गंभीर हो सकती है जब महिला को पहले से ही एनीमिया या आयरन की कमी हो। हालांकि, कुछ आसान घरेलू उपाय और जीवनशैली में बदलाव कर इस परेशानी को कम किया जा सकता है।
पीरियड्स के दौरान लो बीपी होने के कारण:
रक्तस्राव के कारण आयरन की कमी – भारी ब्लीडिंग से शरीर में खून और हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे BP गिर सकता है।
हॉर्मोनल बदलाव – एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव से रक्त संचार पर असर पड़ता है।
पानी की कमी – शरीर में डिहाइड्रेशन से भी लो ब्लड प्रेशर की स्थिति बनती है।
कमजोर डाइट – पीरियड्स के दौरान पौष्टिक आहार न लेने से एनर्जी लेवल गिर जाता है, जिससे BP लो हो सकता है।
लक्षण जो नजरअंदाज न करें:
लगातार चक्कर आना
शरीर में कंपकंपी और थकावट
आंखों के सामने अंधेरा छाना
अत्यधिक सुस्ती और एकाग्रता में कमी
जी मिचलाना या सिर भारी लगना
लो बीपी से राहत पाने के असरदार टिप्स:
1. हाइड्रेटेड रहें
दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी और नारियल पानी पिएं। साथ ही इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर ड्रिंक्स (जैसे ओआरएस या नींबू-पानी) शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखते हैं।
2. आयरन और नमक युक्त भोजन लें
पालक, चुकंदर, खजूर, अंजीर, गुड़, अनार और किशमिश जैसे खाद्य पदार्थ आयरन से भरपूर होते हैं। साथ ही थोड़ी मात्रा में सेंधा नमक या चुटकी भर नमक का सेवन भी बीपी संतुलित करने में मददगार होता है।
3. पूरी नींद और आराम जरूरी
शारीरिक थकावट लो बीपी को और बढ़ा सकती है। ऐसे में पर्याप्त नींद लें और दिन में कुछ देर लेटकर आराम करना फायदेमंद रहेगा।
4. हल्की एक्सरसाइज और प्राणायाम
तेज चलना, अनुलोम-विलोम जैसे आसान योगासन ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं और हॉर्मोनल असंतुलन को नियंत्रित रखते हैं।
5. ब्लैक कॉफी या तुलसी-इलायची वाली चाय लें
ब्लैक कॉफी या मसाला चाय का सीमित मात्रा में सेवन ब्लड प्रेशर को थोड़ी देर के लिए बढ़ाने में मदद करता है, जिससे कमजोरी और सुस्ती दूर होती है।
कब लें डॉक्टर की सलाह?
यदि पीरियड्स के दौरान बार-बार चक्कर आने, अत्यधिक कमजोरी या बेहोशी की स्थिति हो रही हो, तो इसे हल्के में न लें। यह एनीमिया, थायरॉइड, या अन्य हॉर्मोनल गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
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