गेहूं की रोटी भारतीय थाली का एक अहम हिस्सा है. जिसके बिना खाना अधूरा रहता है. हम सभी दिन में एक बार तो गेहूं की रोटी जरूर खाते हैं. लेकिन आज के समय में यहां लोग अपनी फिटनेस को लेकर सजग हो रहे हैं, तो वहीं गेहूं के आटे से बनी रोटी को खाना अवॉइड करते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि गेहूं में ग्लूटेन पाया जाता है, जिससे सेहत को नुकसान पहुंच सकता है. इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि गेहूं की रोटी को खाने से शुगर और वजन बढ़ता है. इसलिए आजकल इसकी जगह पर मल्टी ग्रेन, रागी, ज्वार, बाजरा और चने के आटे की रोटी भी डाइट में शामिल कर रहे हैं.
अपने मुताबिक आज के समय में लोग डाइट में बदलाव कर रहे हैं, लेकिन गेहूं के आटे की रोटी बहुत पहले से खाई जा रही है और आज भी भारत के ज्यादातर घरों में गेहूं के आटे से बनी रोटी ही खाई जाती है. ऐसे में क्या सही में गेहूं की रोटी सेहत के लिए नुकसानदायक है और इसे खाने से परहेज करना चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में एक्सपर्ट से
क्या कहती हैं एक्सपर्ट?होलिस्टिक डायटीशियन और इंटीग्रिटी थैरेपीयूटिक न्यूट्रिशन डॉक्टर डॉक्टर गीतिका चोपड़ा का कहना है कि गेहूं कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होता है, जो दिनभर आपके एनर्जी लेवल को बनाएं रखने में मदद करता है. वहीं सिंपल कार्बोहाइड्रेट की जल्दी स्पाइक हो जाते हैं जैसी की अगर हम बात करें मैदे की तो उसे खाने के बाद आपके शरीर में एनर्जी लेवल एकदम से बढ़ेगा और एकदम से कम हो जाएगा. गेहूं में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो डाइजेशन के लिए बहुत अच्छा होता है. खासकर की जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती है उनके लिए यह बहुत अच्छा होता है.
गेहूं की रोटी खाना है फायदेमंद ( Credit : Getty Images )
गेहूं में प्रोटीन पाया जाता है, जो मसल्स के लिए बहुत जरूरी होता है. इसमें विटामिन बी, आयरन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो आपके मेटाबॉलिज्म और इम्यूनिटी के लिए बहुत अच्छा होता है. इसके अलावा यह वजन को मैनेज करने के लिए भी फायदा करता है. क्योंकि आप एक या दो रोटी खाने के बाद आपका पेट भरा हुआ महसूस करता है. जिससे ओवरइटिंग को कंट्रोल किया जा सकता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं इसलिए यह आपको हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है.
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डॉक्टर का कहना है कि कुछ लोगों को ग्लूटेन इन्टॉलरेंस होता है जिसमें उन्हें गेहूं की रोटी खाने के बाद हमेशा ब्लोटिंग, एसिडिटी, कब्ज या एसिड रिफ्लेक्ट हो रहा है. इससे बनी रोटी खाने पर इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं तो इसका मतलब किसी को ग्लूटेन इन्टॉलरेंस की समस्या हो सकती है. इसके लिए डॉक्टर से सलाह करनी बहुत जरूरी है. ऐसे में गेहूं को कुछ समय के लिए बंद कर ग्लूटेन फ्री आटे से बनी रोटी खाने की सलाह दी जाती है जैसे रागी और ज्वार. लेकिन अगर आपको ग्लूटेन से कोई परेशान नहीं हो रही है, तो आप गेहूं का आटा अपनी डाइट में लेना चाहिए. क्योंकि यह आपकी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है.
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