राकेश पाण्डेय
सपा के दिग्गज नेता आजम खान के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। यह फैसला जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने सुनाया। इस खबर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि आजम खान लंबे समय से कानूनी पचड़ों में फंसे हुए थे। आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं।
एमपी-एमएलए कोर्ट में खारिज हुई थी जमानतआजम खान की मुश्किलें तब बढ़ गई थीं, जब रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को ठुकरा दिया था। यह घटना 17 मई 2025 को हुई थी। कोर्ट के इस फैसले ने सपा समर्थकों को निराश कर दिया था। लेकिन आजम खान ने हार नहीं मानी और उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया। उनके वकीलों ने कोर्ट में दमदार दलीलें पेश कीं, जिसके बाद हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया।
हाईकोर्ट का फैसला: क्या है पूरा मामला?जस्टिस समीर जैन की बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद आजम खान को जमानत देने का आदेश दिया। यह फैसला सपा के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है। आजम खान पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से कुछ रामपुर से जुड़े हैं। हालांकि, इस जमानत से उनके समर्थकों में नई उम्मीद जगी है। यह फैसला न सिर्फ आजम खान के लिए, बल्कि समाजवादी पार्टी के लिए भी राहत भरा है, जो उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने की कोशिश में जुटी है।
क्या होगा अब आगे?आजम खान की जमानत के बाद अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि वे अपनी सियासी पारी को कैसे आगे बढ़ाएंगे। क्या वे पहले की तरह सक्रिय राजनीति में लौटेंगे या कानूनी लड़ाई में उलझे रहेंगे? यह सवाल हर किसी के मन में है। सपा के कार्यकर्ताओं में इस फैसले से उत्साह है, और वे इसे पार्टी के लिए एक सकारात्मक संदेश मान रहे हैं। दूसरी ओर, विपक्षी दल इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।