भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन चुका है. हर कोई जानना चाहता है कि इतनी तेजी से विकास हो रहा है तो क्या आगे भी ये रफ्तार बनी रहेगी? क्या भारत आने वाले समय में सचमुच दुनिया का आर्थिक इंजन बन जाएगा? अगर हम वर्तमान आर्थिक संकेतकों पर नजर डालें, तो एक बड़ी उम्मीद नजर आती है कि भारत की आर्थिक तरक्की न सिर्फ जारी रहेगी बल्कि और भी मजबूत होगी. आइए इन पर एक नजर डालते हैं…
GST रेट कट से मिलेगी बड़ी राहतहाल ही में सरकार ने जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव किया है, जो 22 सितंबर 2025 से लागू होगा. जीएसटी परिषद ने 12% और 28% की दरों को खत्म कर 5% और 18% की दो मुख्य दरें लागू करने का फैसला किया है. इसका मतलब यह हुआ कि आम आदमी की जरूरत की वस्तुओं पर टैक्स कम हो जाएगा और टैक्स चुकाने का काम भी आसान होगा. लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर 40% की उच्च दर रहेगी ताकि गैरजरूरी खर्चों पर अधिक टैक्स लगे. माना जा रहा है कि यह कदम न केवल लोगों की जेब पर बोझ कम करेगा बल्कि व्यापार को भी गति देगा.
GST कलेक्शन में रिकॉर्ड बढ़तअगस्त 2025 में GST कलेक्शन का आंकड़ा 1.86 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल यानी अगस्त 2024 से लगभग 6.5% अधिक है. हालांकि, अगर हम पिछले महीने यानी जुलाई 2025 की तुलना करें तो जुलाई में GST संग्रह ₹1.96 लाख करोड़ था, जो अगस्त से ज्यादा है. वहीं अप्रैल में GST कलेक्शन अपने पूरे इतिहास के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था, जब सरकार ने 2.37 लाख करोड़ रुपये की कमाई की थी.
बीएसई सेंसेक्स में बढ़तशेयर बाजार भी भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था का आइना है, बीएसई सेंसेक्स ने पिछले 6 महीनों में लगभग 9.5% की तेजी दिखाई है. आगे भी शेयर बाजार में तेजी को लेकर कई सकारात्मक संकेत देखने को मिल सकते हैं. जैसे अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में पॉलिसी रेट कट में कटौती देखने को मिल सकती है, जिसका फायदा शेयर बाजार को मिल सकता है. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी फेड भी नवंबर और दिसंबर के महीने में दो रेट कट का संकेत दे चुका है.
बेरोजगारी में गिरावट, रोजगार के नए अवसरभारत में बेरोजगारी की दर भी लगातार घट रही है. अगस्त 2025 में कुल बेरोजगारी दर 5.1% पर आ गई, जो पिछले पांच महीनों में सबसे कम है. खासतौर पर पुरुषों में यह दर 5% तक नीचे आई है. भारत में पिछले एक दशक में 17 करोड़ नौकरियां सृजित हुई हैं. यह संकेत है कि लोगों को काम भी मिल रहा है. रोजगार के बढ़ते अवसरों से देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती आती है और आम आदमी की जिंदगी बेहतर होती है.
GDP ग्रोथ ने बढ़ाई उम्मीदेंपिछली तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 7.8% रही है, जो पिछले पांच तिमाहियों में सबसे ऊंची दर है. यह तेज वृद्धि दर्शाती है कि देश की आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं. GDP ग्रोथ में तेजी से भारत न केवल लगातार आगे बढ़ रहा है, बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्था में उसकी हिस्सेदारी भी मजबूत हो रही है.
एक नजर में आसानी से समझें:
मुख्य बिंदु | आंकड़े | ट्रेंड / नोट |
जीएसटी दरों में कटौती | 5% और 18% | जरूरत की चीजों पर टैक्स कम हुआ |
लक्जरी वस्तुओं पर टैक्स | 40% | लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स |
GST कलेक्शन | 2.37 लाख करोड़ (अप्रैल 2025) | अप्रैल में सबसे अधिक |
BSE सेंसेक्स | 82,626 (+9.51% पिछले 6 महीने) | शेयर बाजार में अच्छा उछाल |
बेरोजगारी दर | 5.1% | 5 महीने के निचले स्तर पर |
जीडीपी ग्रोथ | 7.8% (पिछली तिमाही) | अच्छी आर्थिक वृद्धि |
भारत की आर्थिक कहानी सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है. मुंबई में नेशनल बैंक फॉर फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट के एक कार्यक्रम में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी एम नागाराजू ने बताया कि भारत पिछले चार सालों से लगातार लगभग 8% की औसत दर से बढ़ रहा है. यह ग्लोबल स्तर पर सबसे तेज आर्थिक विकास दर है. घरेलू अर्थव्यवस्था के साथ-साथ विदेशी व्यापार में भी भारत ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है.