गर्व से कहो मैं स्वदेशी खरीदता हूं… PM मोदी ने GST बचत उत्सव की घोषणा कर गिनाए फायदे
Himachali Khabar Hindi September 22, 2025 02:42 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के नाम संबो‍धन दिया. उनका यह संबोधन 22 सितंबर से लागू होने वाले गुड्स एंड सर्विस टैक्‍स (जीएसटी) में बदलावों को ‘नेक्‍स्‍ट जनरेशन का सुधार’ बताया.

उन्‍होंने अपने संबोधन की शुरुआत देशवासियों को नवरात्रि की बधाई के साथ की. पीएम मोदी ने कहा, ’22 सितंबर से ‘जीएसटी बचत उत्‍सव’ की शुरुआत हो रही है जिससे हर परिवार में खुशियां आएंगी और बचत में भी इजाफा होगा.

रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्‍ती

पीएम मोदी ने कहा कि ये केंद्र और राज्यों के प्रयास का नतीजा था कि देश दर्जनों टैक्सों के जाल से मुक्त हुआ. वन नेशन वन टैक्स का सपना कि देश में एक जैसी व्यवस्था हो. पीएम मोदी के शब्‍दों में रिफॉर्म एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया होती है. जब समय बदलता है, देश की जरूरत बदलती है, तो नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म की भी बहुत जरूरत होती है. इसलिए देश की वर्तमान जरूरतों को और भविष्य के सपनों को देखते हुए जीएसटी के ये नए रिफॉर्म्स लागू हो रहे हैं. नए स्वरूप में मुख्य तौर पर इसका बजट सिर्फ 5 फीसदी और 18 फीसदी के ही टैक्स स्‍लैब में रखा गया. इसका मतलब है रोजमर्रा के इस्तेमाल की ज्यादातर चीजें और सस्ती हो जाएंगी.

क्‍या-क्‍या होगा कल से सस्‍ता

पीएम मोदी ने कहा खाने-पीने का सामान, दवाइयां, साबुन, ब्रश, पेस्ट, स्वास्थ्य और जीवन बीमा ऐसे अनेकों सामान अनेकों सेवाएं या तो टैक्स फ्री होंगी या फिर केवल 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा. जिन सामानों पर पहले 12 फीसदी टैक्स लगा करता था उसमें से 99 फीसदी यानी करीब-करीब 100 के निकट, 99 प्रतिशत चीजें अब 5 फीसदी टैक्स के दायरे में आ गई हैं. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 11 साल में देश में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को हराया है. गरीबी को परास्त किया है और गरीबी से बाहर निकल कर के 25 करोड़ का एक बहुत बड़ा समूह न्यू मिडिल क्लास के रूप में आज देश के अंदर बहुत बड़ी भूमिका अदा कर रहा है.

सबका मुंह होगा मीठा

पीएम मोदी ने कहा, ‘कल से देश में जीएसटी बचत उत्सव शुरू होने जा रहा है. इस जीएसटी बचत उत्सव में आपकी बचत बढ़ेगी और आप अपनी पसंद की चीजों को और ज्यादा आसानी से खरीद पाएंगे. हमारे देश के गरीब, किसान, मध्यमवर्गीय लोग, दुकानदार, न्यू मिडिल क्लास, उद्यमी, युवा, महिलाएं, किसान, महिलाएं, दुकानदार, व्यापारी, उद्यमी सभी को त्यौहारों के इस मौसम में ये बचत उत्सव का बहुत फायदा. यानी त्यौहारों के इस मौसम में सबका मुंह मीठा होगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘देश के हर परिवार की खुशियां बढ़ेंगी. मैं देश के कोटि-कोटि परिवार जनों को नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स की और इस बचत उत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं. ये रिफॉर्म भारत की ग्रोथ स्टोरी को एक्सेलरेट करेंगे. कारोबार को और आसान बनाएंगे. निवेश को और आकर्षक बनाएंगे और हर राज्य को विकास की दौड़ में बराबरी का साथी बनाएंगे.

आती थीं कई रुकावटें

पीएम मोदी ने कहा, ‘साथियों, जब साल 2017 में भारत ने जीएसटी रिफॉर्म की तरफ कदम बढ़ाया, तो एक पुराना इतिहास बदलने की और एक नया इतिहास रचने की शुरुआत हुई. दशकों तक हमारे देश की जनता आप सभी लोग देश के व्यापारी अलग-अलग टैक्स के जाल में उलझे हुए थे. ऑक्ट्रोय, एंट्री टैक्स, सेल टैक्स, एक्साइज, वैट, सर्विस टैक्स, न जाने भांति-भांति के दर्जनों टैक्स हमारे देश में थे. एक शहर से दूसरे शहर माल भेजना हो तो न जाने कितने चेकपोस्ट पार करने होते थे. कितने ही फॉर्म भरने पड़ते थे, कितनी सारी रुकावटें थीं. हर जगह टैक्स के अलग-अलग नियम थे.

याद आया 2014 का किस्‍सा

पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे याद है, जब 2014 में देश ने मुझे प्रधानमंत्री पद का दायित्व सौंपा था, तब उसी शुरुआत के दौर में एक विदेशी अखबार में एक दिलचस्प उदाहरण छपा था. उसमें एक कंपनी की मुश्किलों का जिक्र था. उस कंपनी ने कहा था कि अगर उसे बेंगलुरु से 570 किलोमीटर दूर हैदराबाद अपना सामान भेजना हो तो वो इतना कठिन था कि उन्होंने सोचा और उन्होंने कहा कि वो पसंद करती थी कंपनी कि पहले अपना सामान बेंगलुरु से यूरोप भेजें और फिर वही सामान यूरोप से हैदराबाद भेजें.’

राज्‍यों को भी दिया श्रेय

उन्‍होंने आगे कहा, ‘साथियों, टैक्स और टोल के जंजाल की वजह से ये तब के हालात थे और मैं आपको सिर्फ एक पुराना उदाहरण याद दिला रहा हूं. तब ऐसी लाखों कंपनियों को, लाखों, करोड़ों देशवासियों को सामान को अलग-अलग तरह के टैक्स के जाल की वजह से हर रोज परेशानी होती थी. सामान को एक शहर से दूसरे शहर पहुंचने के बीच जो खर्च बढ़ता था वो भी गरीब को उठाना पड़ता था. आप जैसे ग्राहकों से वसूला जाता था.

पीएम मोदी ने कहा, ‘साथियों, देश को इस स्थिति से निकालना बहुत जरूरी था. इसलिए जब आपने हमें 2014 में अवसर दिया, तो हमने जनहित में, देश हित में जीएसटी को अपनी प्राथमिकता बनाई. हमने हर स्टेकहोल्डर से चर्चा की. हमने हर राज्यों की हर शंका का निवारण किया. हर सवाल का समाधान खोजा. सभी राज्यों को सबको साथ लेकर आजाद भारत का इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म संभव हो पाया.’

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.