Netanyahu's Big Announcement : कोई फिलिस्तीनी राष्ट्र नहीं बनेगा - ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया को भी सुनाया

News India Live, Digital Desk: Netanyahu's Big Announcement : इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच दशकों पुराना विवाद हमेशा से दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है. इस बीच, इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हड़कंप मचा दिया है. नेतनयाहू ने सीधे तौर पर फिलिस्तीनी राष्ट्र के गठन को नकार दिया है और साफ़ कर दिया है कि वह ऐसा कोई 'दो-राज्य समाधान' नहीं मानेंगे. इतना ही नहीं, उन्होंने यह बात दुनिया के तीन बड़े और महत्वपूर्ण देशों – ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया – को भी खुलकर बता दी है.नेतनयाहू ने क्या कहा है और क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?दरअसल, इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने अपनी सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए पश्चिमी देशों, ख़ासकर यूके, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया को यह साफ़ बता दिया है कि उनके प्रधानमंत्री के रूप में रहते हुए कोई भी फिलिस्तीनी राज्य नहीं बनेगा. उन्होंने ज़ोर देकर कहा है कि इजरायल की सुरक्षा के लिए वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी जैसे सभी क्षेत्रों में पूरा सुरक्षा नियंत्रण रखना बेहद ज़रूरी है. उन्होंने साफ किया कि यह सिर्फ उनकी व्यक्तिगत इच्छा नहीं, बल्कि पूरे इज़रायली समाज और नेताओं का साझा विचार है.नेतनयाहू का यह रुख इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में गाजा में हुए संघर्ष और हमास के साथ बढ़ते तनाव के बाद फिलिस्तीनी राज्य की मांग फिर से उठने लगी थी. संयुक्त राज्य अमेरिका समेत कई देश इस संघर्ष के स्थायी समाधान के रूप में 'दो-राज्य समाधान' (Two-State Solution) का समर्थन कर रहे थे, जिसके तहत एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य के साथ-साथ एक स्वतंत्र इजरायली राज्य भी मौजूद होगा.इज़रायल की सुरक्षा प्राथमिकता:नेतनयाहू ने कहा है कि उन्होंने इन सभी देशों को बता दिया है कि "इजरायल अपनी ज़मीन और लोगों की सुरक्षा का अधिकार नहीं छोड़ेगा". उनका कहना है कि "यह सिर्फ उनका शब्द नहीं, बल्कि ज़्यादातर इज़रायलियों का शब्द है." इस बयान के ज़रिए नेतनयाहू ने अपनी देश की जनता की उस गहरी चिंता को सामने रखा है, जो गाजा से हो रहे हमलों के बाद बढ़ी है. उनका मानना है कि वेस्ट बैंक में सुरक्षा नियंत्रण खोने का मतलब होगा गाजा पट्टी जैसी ही स्थिति का पैदा होना.यह बात साफ है कि नेतनयाहू अपने इस बयान के ज़रिए यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इज़रायल की सुरक्षा के लिए किसी भी समझौते पर बात नहीं की जाएगी, खासकर तब जब उन्हें लगता है कि एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य उनके देश के लिए सीधा खतरा पैदा कर सकता है. यह बयान दुनिया के बड़े नेताओं और देशों के बीच एक नई बहस छेड़ सकता है और पश्चिम एशिया में शांति स्थापित करने के प्रयासों को और जटिल बना सकता है.फिलहाल, इस बयान पर इन तीनों देशों की आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतज़ार है, लेकिन एक बात साफ है कि नेतनयाहू के इस कड़े रुख से इज़रायल-फिलिस्तीन शांति प्रक्रिया का भविष्य अनिश्चितता से घिर गया है.