Day 2 of Shardiya Navratri: नवरात्रि 2025: तप और ज्ञान का दिन, आज ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है और आज यानी23सितंबर को दूसरा दिन है। आज का दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप,मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। मां का यह रूप तपस्या,त्याग,ज्ञान और संयम का प्रतीक है। माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से उनकी पूजा करता है,उसे जीवन में धैर्य,सफलता और मानसिक शांति मिलती है।कौन हैं मां ब्रह्मचारिणी?मां ब्रह्मचारिणी का नाम'ब्रह्म'यानी तपस्या और'चारिणी'यानी आचरण करने वाली से मिलकर बना है। पौराणिक कथाओं के अनुसार,उन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए हजारों साल तक कठोर तपस्या की थी। इस कठिन तप के कारण ही उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। वे हमें जीवन में अनुशासन और संयम सिखाती हैं। खासतौर पर छात्रों और ज्ञान चाहने वालों के लिए मां की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है।इस साल बन रहा है बेहद शुभ'द्विपुष्कर योग'इस साल नवरात्रि का दूसरा दिन और भी खास है क्योंकि इस दिनद्विपुष्कर योगबन रहा है। ज्योतिष में इस योग को बहुत शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस योग में किए गए किसी भी अच्छे काम का फल दोगुना मिलता है। इसके अलावा आज ब्रह्म योग,इंद्र योग और गजकेसरी जैसे शुभ योग भी बन रहे हैं,जो इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा देते हैं।पूजा की सरल विधि और शुभ मुहूर्तपूजा का शुभ मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त):सुबह11:49से दोपहर12:37तक।राहुकाल का समय:दोपहर03:15से शाम04:46तक (इस समय पूजा से बचें)।पूजा कैसे करें?सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें,हो सके तो लाल रंग के वस्त्र धारण करें क्योंकि यह मां को प्रिय है।पूजा स्थान पर मां ब्रह्मचारिणी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।मां को उनका प्रिय फूलचमेलीअर्पित करें। साथ ही फूल,फल,और मिठाई का भोग लगाएं।दीपक जलाकर इस सरल मंत्र का जाप करें:ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥इसके बाद मां की आरती करें और अपनी मनोकामना उनके सामने रखें।यह व्रत और पूजा विशेष रूप से विद्यार्थियों और उन लोगों के लिए लाभकारी मानी जाती है,जो अपने जीवन में एकाग्रता और सफलता पाना चाहते हैं। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से व्यक्ति को हर चुनौती से लड़ने की शक्ति मिलती है।