राजधानी दिल्ली से दिल को झकझोर कर रख देने वाली खबर सामने आई है. यहां एक मानसिक रूप से बीमार बेटा तक मां के बेडरूम के बाहर 4 दिन तक भूखा-प्यासा बैठा रहा. उसे लगा कि मां दरवाजा खोलेगी और उसे खाना खिलाएगी. मगर वो इस बात से अंजान था कि उसकी मां की मौत हो चुकी है. दरअसल, मां बीमार थीं. पिता भी गंभीर बीमारी के चलते बेड पर रहते हैं. उन्हें भी इसकी भनक तक नहीं लगी कि उनकी पत्नी की मौत हो चुकी है और वो एक शव के साथ लेटे हुए हैं. चार दिन तक किसी ने फोन नहीं उठाया तो बेटी का हांगकांग से मामा को फोन आया.
मामा तब अपनी बहन के घर पहुंचे. तब उन्होंने घर के अंदर का नजारा देखा तो सन्न रह गए. तुरंत पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया. साथ ही मृतका के बीमार पति को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया. वहीं, बेटे को भी जीटीबी अस्पताल में भर्ती किया गया है. बेटे से जब पूछा गया कि क्या तुम्हें सच में ही कुछ पता नहीं चला कि मां की मौत हो चुकी है? बेटा बोला- मैं तो इंतजार कर रहा था कि मां दरवाजा खोलेगी और मुझे खाना देगी. मैं नहीं जानता कि उनकी मौत कैसे हो गई.
पुलिस ने बताया- 70 साल के सिराज खान अपने परिवार के साथ जामिया इलाके में रहते हैं. सिराज खान जामिया मिल्लिया इस्लामिया से रिटार्यड हैंय उनके परिवार में बेटे 48 वर्षीय इमरान उर्फ शैली और एक बेटी है. इमरान मानसिक रूप से बीमार है और उसका इलाज चल रहा है. वहीं, बेटी शादी के बाद अपने परिवार के साथ हांगकांग में रहती है. जबकि, इमरान के मामा अहमद खान अपने परिवार के साथ जामिया नगर इलाके में रहते हैं.
घर से आ रही थी बदबू
अहमद ने बताया- मुझे हांगकांग से भांजी ने फोन किया. बोली कि घर पर कोई फोन नहीं उठा रहा. मामा आप एक बार घर जाकर देखो क्या हुआ है. मैं अक्सर उन लोगों से मिलने जाता रहता था. मगर कई दिनों से मैं जा नहीं पाया था. भांजी के फोन करने पर मैं दीदी के घर गया. जब मैंने देखा कि अंदर से बदबू आ रही है. अंदर भांजा इमरात भूखा-प्यासा बदहवास हालत में बैठा था. बेडरूम बंद था. मैंने पुलिस को फोन किया. फिर बेडरूम के अंदर दीदी मृत मिलीं. जबकि, जीजा की भी हालत गंभीर है. वो बेडरेस्ट पर हैं. उन्हें भी पता नहीं चला कि मेरी बहन की मौत हो चुकी है. वो लाश के साथ उसी बेड पर सोए रहे.