शारदीय नवरात्रि के पहले दिन से लागू हुए ‘नेक्स्ट जेन GST रिफॉर्म’ ने उत्तर प्रदेश के बाजारों में नई हलचल पैदा कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हजरतगंज में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि इस रिफॉर्म से आम उपभोक्ता, व्यापारी और उद्यमी सभी वर्गों को फायदा हो रहा है। जीएसटी दरों में कटौती से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिली है, बल्कि बाजार की मजबूती और रोजगार सृजन में भी सहयोग मिला है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विद्यार्थियों के लिए नोटबुक, पेंसिल और अन्य शैक्षणिक सामग्री पर जीएसटी पूरी तरह से शून्य कर दी गई है। इसके अलावा घरेलू उपयोग की आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दर को 0 से 5 प्रतिशत के दायरे में लाया गया है। वहीं, जीवन रक्षक 33 प्रकार की दवाओं को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त किया गया है। इन बदलावों से बाजार में खपत बढ़ी है, जिससे उत्पादन और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता राज्य है, इसलिए यहां जीएसटी रिफॉर्म का असर विशेष रूप से महसूस किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद देश में कुल कलेक्शन 7 लाख करोड़ से बढ़कर 22 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है। उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 49 हजार करोड़ से बढ़कर 1.15 लाख करोड़ से ऊपर हो गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हजरतगंज मार्केट में व्यापारियों और ग्राहकों से संवाद किया और जीएसटी रिफॉर्म से संबंधित पंपलेट व बैनर वितरित किए। व्यापारियों और उपभोक्ताओं ने रिफॉर्म से होने वाले लाभ के प्रति संतोष जताया। मुख्यमंत्री ने इस रिफॉर्म को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया, जो महंगाई से राहत देने और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी दरों में कटौती और जीवन रक्षक दवाओं पर छूट से न केवल खरीदारों को लाभ मिलेगा, बल्कि व्यवसायिक माहौल में सुधार, निवेश में वृद्धि और रोजगार सृजन की दिशा में भी सकारात्मक असर दिखाई देगा। त्योहारों के सीजन में यह रिफॉर्म उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय राहत का भी बड़ा जरिया साबित हो रहा है।