कांग्रेस ने केरल में एक युवक की कथित आत्महत्या के मामले को लेकर सोमवार को केंद्र और राज्य की सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि एफआईआर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नाम क्यों नहीं है, जबकि युवक ने सुसाइड नोट में इस संगठन का नाम लिया है. पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि केरल में 26 साल के एक इंजीनियर ने आत्महत्या की उसकी एक अलग कहानी है, उसको अपनी जान देने के लिए मजबूर किया गया.
पवन खेड़ा ने कहा कि उसने सोशल मीडिया पोस्ट में ये कहा कि RSS के कैम्प में उसके साथ शोषण हुआ. उसके साथ कथित तौर पर बचपन मे हुए उनके साथ यौन शोषण के कारण वह गंभीर मानसिक तनाव से जूझ रहा था. सबसे बड़ी तो ये है कि FIR में RSS का नाम नही है, ये कैसा सिस्टम है. युवक के साथ जो हुआ उसने वो सब 22 साल तक झेला.
‘हम RSS को एक्सपोज कर पाएंगे’उन्होंने कहा कि ये अपने आप को राष्ट्रवादी बताते हैं और अंदर ये हो रहा है. अगर हम पीड़ित युवक के लिए कुछ कर सकते हैं तो वो ये की हम RSS को एक्सपोज़ कर पाएंगे. इसकी ऐसी जांच होनी चाहिए और दोषियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो समाज के लिए एक सबक हो. वहीं बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उस पर फर्जी कहानी गढ़ने और इस मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया.
आरएसएस की जांच होनी चाहिएपवन खेड़ा ने कहा कि इंजीनियर युवक के साथ बचपन से जो हुआ, उससे वह 22 साल तक लड़ता रहा, लेकिन आखिर में उसने हार मान ली और जान दे दी. आरएसएस की स्थापना का 100 साल मनाया जा रहा है, सिक्का जारी हो रहा है, डाक टिकट जारी हो रहा है और अंदर कुछ और ही चल रहा है. उन्होंने कहा, अगर हम मृतक युवक और ऐसे लाखों बच्चों को न्याय दिलाना चाहते हैं, तो हमें इस संगठन को बेनकाब करना होगा.
आरएसएस के कई सदस्यों ने किया दुर्व्यवहारकांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को दावा किया था कि तकनीकी विशेषज्ञ ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरएसएस के कई सदस्यों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरुप्रकाश ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्य विपक्षी दल हमेशा दलित विरोधी और वंचित विरोधी रहा है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस इस मामले को राजनीतिक रंग देने और कहानी गढ़ने की कोशिश कर रही है.