साइबर जालसाजों ने खुद को ईडी अधिकारी बताकर महानगर निवासी बुजुर्ग आशा सिंह को 11 दिनों तक डिजिटल तरीके से बंधक बनाकर रखा। इस दौरान, उन्होंने जुर्माने के नाम पर उनसे तीन खातों में ₹3.4 मिलियन (लगभग 34 लाख डॉलर) जमा करवा लिए। इस दौरान उन्होंने किसी से भी बात करने से इनकार कर दिया। उन्होंने व्हाट्सएप के जरिए फर्जी वारंट और जब्ती आदेश भी भेजा। पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। महानगर के सेक्टर-सी में रहने वाली 75 वर्षीय पीड़िता आशा सिंह, जिनके पति का काफी पहले निधन हो चुका है और जो मूल रूप से जहानाबाद की रहने वाली हैं, के अनुसार, उन्हें 28 सितंबर को एक व्हाट्सएप कॉल आया।
कॉल करने वाले ने खुद को एटीएस और ईडी अधिकारी बताया। उन्होंने काफी देर तक बातचीत की और दावा किया कि उनके खाते का इस्तेमाल आतंकवादी संगठनों और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के साथ लेनदेन के लिए किया गया है। जालसाजों ने खुद को एटीएस और ईडी अधिकारी बताकर उन्हें काफी देर तक धमकाया। इस दौरान, उन्होंने व्हाट्सएप के ज़रिए उसके नाम से एक फ़र्ज़ी वारंट और ज़ब्ती आदेश भी भेजा। ईडी अधिकारी ने उसे जुर्माना भरने पर मामले से राहत दिलाने का झांसा दिया। उसने उसके नाम पर कई किश्तों में 34 लाख रुपये वसूल लिए। जिस फ़ोन नंबर से उन्होंने कॉल किया, उस पर एटीएस लिखा था। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव के अनुसार, सर्विलांस के ज़रिए जालसाज़ों का पता लगाया जा रहा है।
बैंक में आरटीजीएस की राशि
आशा ने बताया कि उसने सबसे पहले 29 सितंबर को अपने जहानाबाद फतेहपुर सेंट्रल बैंक खाते से अभिषेक शर्मा नाम के व्यक्ति के खाते में 10 लाख रुपये जमा किए। फिर उसने 3 अक्टूबर को जहानाबाद फतेहपुर सेंट्रल बैंक के अपने खाते से प्रीति एम के खाते में 14.50 लाख रुपये और 8 अक्टूबर को अपने लखनऊ खाते से गुगलावथ वुयेश कुमार के खाते में 10.10 लाख रुपये जमा किए। पीड़िता ने जब जालसाज़ों से संपर्क किया, तो उनके मोबाइल फ़ोन बंद थे। उसने परिवार और परिचितों को सूचित किया, तब उसे धोखाधड़ी का पता चला।
आप इस तरह इससे बच सकते हैं
रुको और सोचो: अगर आपको ऐसा कोई कॉल आए, तो घबराएँ नहीं और यह न सोचें कि कॉल करने वाला असल में पुलिस अधिकारी है या कोई और।
सरकारी एजेंसी की जाँच: कोई भी सरकारी एजेंसी ऑनलाइन या फ़ोन पर पूछताछ नहीं करती, इसलिए ऐसे कॉल से सावधान रहें।
शिकायत दर्ज करें: अगर आप किसी के साथ धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम विभाग में शिकायत दर्ज कराएँ।