माइग्रेन कोई आम सिरदर्द नहीं है। यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें तीव्र, धड़कता हुआ दर्द सिर के एक हिस्से में महसूस होता है और इसके साथ मतली, उल्टी, रोशनी या आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षण हो सकते हैं। माइग्रेन का एक बड़ा कारण है — ट्रिगर फैक्टर्स, यानी वे वजहें जो माइग्रेन अटैक को जन्म देती हैं। अगर समय रहते इन ट्रिगर्स को पहचाना जाए, तो माइग्रेन अटैक को काफी हद तक रोका जा सकता है।
यहाँ हम आपको बता रहे हैं ऐसे 10 प्रमुख ट्रिगर फैक्टर्स जिनसे माइग्रेन पीड़ितों को बचकर रहना चाहिए:
1. नींद की कमी या अधिक नींद
नींद का असंतुलन माइग्रेन को सबसे अधिक प्रभावित करता है। रात को देर तक जागना या बहुत ज्यादा सोना — दोनों ही स्थिति सिरदर्द को बढ़ावा देती हैं। नियमित और पर्याप्त नींद जरूरी है।
2. तनाव और मानसिक दबाव
काम का दबाव, पारिवारिक तनाव या कोई भावनात्मक आघात — ये सभी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। ध्यान, योग या मेडिटेशन जैसे उपाय राहत दिला सकते हैं।
3. हार्मोनल बदलाव (विशेषकर महिलाओं में)
मासिक धर्म, गर्भावस्था या मेनोपॉज़ के दौरान हार्मोन में बदलाव माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं। कुछ महिलाओं को हर महीने पीरियड्स के आसपास माइग्रेन का अटैक आता है।
4. डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)
पानी की कमी से मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिससे माइग्रेन शुरू हो सकता है। दिनभर में कम से कम 2–3 लीटर पानी पीना आवश्यक है।
5. भूखे रहना या अनियमित खान-पान
लंबे समय तक खाली पेट रहना या भोजन स्किप करना माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। छोटे-छोटे अंतराल पर हेल्दी स्नैक्स लेते रहना बेहतर होता है।
6. तेज़ रोशनी और तेज आवाजें
कुछ लोगों को तेज़ रोशनी, फ्लैशिंग लाइट्स या तेज़ म्यूज़िक से माइग्रेन हो जाता है। ऐसे लोग भीड़-भाड़ वाली या रोशनी वाली जगहों से बचें।
7. ज्यादा कैफीन या अचानक छोड़ देना
कैफीन (कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक) की अधिक मात्रा या फिर अचानक सेवन बंद कर देना माइग्रेन का कारण बन सकता है। संतुलन बनाए रखें।
8. कुछ खास खाद्य पदार्थ
चॉकलेट, चीज़, प्रोसेस्ड मीट, मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) और अत्यधिक नमक जैसे खाद्य पदार्थ माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। डाइट पर नज़र रखना जरूरी है।
9. तेज़ गंध या परफ्यूम
कुछ लोगों को तेज़ गंध जैसे पेंट, परफ्यूम, क्लीनिंग प्रोडक्ट्स से माइग्रेन हो सकता है। ऐसे माहौल से दूरी बनाकर रखें।
10. मौसम में अचानक बदलाव
तेज़ धूप, आंधी, बारिश या बारोमेट्रिक प्रेशर में बदलाव भी माइग्रेन का कारण बन सकते हैं। मौसम की जानकारी रखकर तैयारी करना लाभकारी हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय
माइग्रेन के हर मरीज के लिए ट्रिगर्स अलग-अलग हो सकते हैं। एक ट्रिगर डायरी (Trigger Diary) रखना, जिसमें आप माइग्रेन से पहले क्या खाया, क्या महसूस किया, क्या हुआ — यह सब नोट करें, तो ट्रिगर पहचानने में मदद मिल सकती है।
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