महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में बुधवार को महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने लगातार दूसरे दिन राज्य चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग करते हुए ‘वोट चोरी’ के आरोपों की जांच की अपील की। बैठक में विपक्षी दलों ने कहा कि चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आने वाले स्थानीय निकाय चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हों।
विपक्षी प्रतिनिधिमंडल आज दिन में मुख्य निर्वाचन अधिकारी और राज्य चुनाव आयुक्त के साथ बैठक में पहुंचा। बैठक के दौरान एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने हालिया विधानसभा चुनावों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर मतदाता सूची में गड़बड़ी है तो इसे सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा जाना चाहिए, लेकिन इस तरह की खामियों वाले चुनाव को स्वीकार नहीं किया जा सकता। राज ठाकरे ने आयोग से चुनाव आगे बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि जब तक सभी दल मतदाता सूची और प्रक्रिया पर आम सहमति नहीं बनाते, तब तक चुनाव टाल देना ही उचित होगा। राज ठाकरे ने कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट के चुनाव नतीजों का भी उदाहरण दिया।
उद्धव ठाकरे ने भी आयोग पर निशाना साधते हुए कहा, "अगर चुनाव गलतियों के साथ ही होने हैं, तो फिर चुनाव क्यों करवाएं? सीधे चुनाव की जगह चयन प्रक्रिया ही कर दीजिए।" उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को जनता के सामने सच्चाई रखनी चाहिए और अगर गड़बड़ियां साबित होती हैं तो चुनाव रद्द कर दो।
वहीं, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान भी उन्होंने कई कमियों की ओर इशारा किया था, लेकिन उन्हें दूर नहीं किया गया। उन्होंने कहा, "अब जब स्थानीय निकाय चुनाव आने वाले हैं, वही गलतियां दोहराई जा रही हैं। हम बार-बार शिकायत करते हैं, पर सुनवाई नहीं होती।" थोराट ने कहा कि राजनीतिक दलों से पिछली मतदाता सूचियां छिपाई जा रही हैं और मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। थोराट ने दावा किया कि महाराष्ट्र में मतदाता सूची में सैकड़ों और हजारों त्रुटियां हैं।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के नेता बाला नंदगांवकर ने कहा कि मंगलवार को चुनाव अधिकारियों के साथ हुई चर्चा ‘‘असंतोषजनक’’ थी, इसलिए विपक्षी नेताओं ने अपनी चिंताओं के समाधान के लिए बुधवार को एक और बैठक की मांग की। विपक्षी नेताओं के दो प्रतिनिधिमंडलों ने मंगलवार को वरिष्ठ चुनाव अधिकारियों से मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों को उठाया, जिसमें यह सवाल उठाया गया कि राज्य में कोई विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया क्यों नहीं चलाई गई।
महा विकास आघाडी, एमएनएस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश वाघमारे और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एस चोकलिंगम से मुलाकात की थी। बैठक के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट और वर्षा गायकवाड़ भी उपस्थित थे।