लाइव हिंदी खबर :- भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा ने आगामी महिला विश्व कप से पहले टीम की पांच गेंदबाजों वाली रणनीति पर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि यह संयोजन पूरी तरह असफल नहीं है, लेकिन लंबे समय तक सफलता के लिए आदर्श भी नहीं है। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैचों में भारत को लक्ष्य का बचाव करने में नाकामी मिली।
जिसके बाद यह रणनीति चर्चा में आ गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अंजुम चोपड़ा ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि पांच गेंदबाजों की रणनीति आदर्श नहीं है। यह काम कर सकती है, लेकिन यह सबसे बेहतर विकल्प नहीं है। मैं हमेशा से कहती आई हूं कि टीम को छह गेंदबाजों की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि भारत की तैयारी और खिलाड़ियों की फिटनेस ने भी टीम संयोजन को प्रभावित किया है।
अगर आप ध्यान दें, तो रेनुका सिंह की फिटनेस और उनकी अनुपलब्धता, साथ ही पूजा वस्त्राकर के पूरी तरह अनुपलब्ध रहने से गेंदबाजी विकल्प सीमित हो गए हैं। अंजुम का मानना है कि सीमित गेंदबाजी विकल्पों के कारण भारत मजबूत टीमों के खिलाफ दबाव झेल रहा है, विशेषकर तब जब विरोधी टीम लक्ष्य का पीछा करती है।
कई विशेषज्ञों ने भी सुझाव दिया है कि भारत को एक अतिरिक्त विशेषज्ञ गेंदबाज शामिल करनी चाहिए, ताकि टीम को लचीलापन और मिड-ओवर में विविधता मिल सके। महिला विश्व कप के करीब आते ही टीम प्रबंधन के सामने यह बड़ा सवाल है कि क्या वे मौजूदा संयोजन पर कायम रहेंगे या गेंदबाजी विभाग को और मजबूत करेंगे। अंजुम चोपड़ा की टिप्पणी ने भारतीय क्रिकेट हलकों में टीम बैलेंस और फिटनेस मैनेजमेंट को लेकर बहस को फिर से जगा दिया है।