अक्सर यह माना जाता है कि करोड़पति बनना केवल बहुत अमीर लोगों या बड़ा व्यापार करने वालों के बस की बात है. लेकिन, एक भारतीय दंपति ने इस धारणा को लगभग गलत साबित कर दिया है. 29 वर्षीय पति और 31 वर्षीय पत्नी ने केवल चार वर्षों के भीतर 20 लाख रुपये के शुरुआती निवेश को 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति में बदल दिया है.
उन्होंने अपनी इस वित्तीय यात्रा का ब्योरा रेडिट पर साझा किया, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है. उनकी सफलता का राज कोई लॉटरी, भारी सैलरी या जोखिम भरा दांव नहीं, बल्कि वित्तीय अनुशासन, समझदारी भरी बचत और एक सटीक निवेश रणनीति है.
खर्च पर नियंत्रण है पहला कदमइस दंपति ने अपनी यात्रा 2021 में 20 लाख रुपये की पूंजी से शुरू की. उन्होंने शुरुआत से ही एक स्पष्ट नियम बनाया: कमाई बढ़ाने से ज्यादा जरूरी खर्चों को काबू में रखना है. उनकी मासिक आमदनी 2.6 लाख से 2.8 लाख रुपये के बीच है, जो अच्छी है, लेकिन इतनी नहीं कि बिना सोचे-समझे करोड़पति बना जा सके. असली खेल उनके खर्च करने के तरीके में था.
शुरुआती वर्षों में, उनका सालाना खर्च मात्र 6 लाख रुपये था. इसका मतलब यह नहीं कि वे कोई कंजूसी भरी जिंदगी जी रहे थे. दंपति के अनुसार, वे आराम से रहते थे, हर साल 2-3 बार देश में घूमते थे और एक अंतरराष्ट्रीय यात्रा भी करते थे. 2024 में उनके जीवन में एक बच्चे का आगमन हुआ, जिससे खर्चों का बढ़ना स्वाभाविक था. उनका सालाना खर्च बढ़कर 14 लाख रुपये हो गया, लेकिन तब भी उन्होंने अपनी वित्तीय योजना को पटरी से उतरने नहीं दिया.
उनका मानना है कि खुशी महंगी चीजों या दिखावे से नहीं, बल्कि जीवन को समझदारी से जीने में है. वे किराए के घर में रहते हैं, जिसका सालाना किराया 3 लाख रुपये है. सबसे महत्वपूर्ण बात, उनके पास कोई बड़ी ईएमआई (EMI) या कर्ज का बोझ नहीं है, जो अक्सर लोगों की बचत का एक बड़ा हिस्सा खा जाता है. उन्होंने दिखावे से दूर रहते हुए एक साधारण कार रखी है.
निवेश का संतुलित पोर्टफोलियोसिर्फ बचत करना काफी नहीं है; उस बचत को सही जगह निवेश करना असली चुनौती है. इस जोड़े ने अपनी संपत्ति बढ़ाने के लिए एक बेहद संतुलित और विविध (diversified) निवेश रणनीति अपनाई. उन्होंने अपना पैसा किसी एक जगह लगाने के बजाय कई अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट्स में बांटा, ताकि जोखिम कम रहे और रिटर्न अच्छा मिलता रहे.
उनके निवेश का सबसे बड़ा हिस्सा, लगभग 41 लाख रुपये, इक्विटी मार्केट में है, जिसमें म्यूचुअल फंड, सीधे शेयर और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) शामिल हैं. यह हिस्सा उनकी संपत्ति को तेजी से बढ़ाने (wealth creation) का मुख्य जरिया रहा.
इसके साथ ही, उन्होंने सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा. 17 लाख रुपये पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और अन्य सुरक्षित डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किए गए हैं, जो गारंटीड रिटर्न देते हैं. रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए उन्होंने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में 14.8 लाख रुपये और एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) में 6.6 लाख रुपये जमा किए हैं. यह उनकी लंबी अवधि की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है.
महंगाई से बचने के लिए, दंपति ने पारंपरिक निवेश विकल्प सोने और चांदी में भी 6.5 लाख रुपये का निवेश किया है. आपातकालीन जरूरतों के लिए, उनके पास 7 से 8 लाख रुपये की लिक्विड सेविंग्स (जिन्हें आसानी से नकद में बदला जा सकता है) हैं. इसके अलावा, 8 से 10 लाख रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और दोस्तों को दिए गए लोन के रूप में हैं. उन्होंने अपनी नेटवर्थ की गणना में किसी भी पुश्तैनी संपत्ति को शामिल नहीं किया है, जिससे यह उपलब्धि पूरी तरह उनकी अपनी मेहनत की कहानी बनती है.
वित्तीय सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए, उनके पास सरकारी हेल्थ इंश्योरेंस के साथ-साथ 1.5 करोड़ रुपये का जीवन बीमा कवरेज भी है, जो किसी भी अनहोनी की स्थिति में परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखेगा.
समय से पहले हासिल किया लक्ष्यइस दंपति की पूरी योजना एक बड़े लक्ष्य के इर्द-गिर्द घूमती थी, जिसे ‘फायर’ (FIRE – Financial Independence, Retire Early) मूवमेंट कहा जाता है. इसका मतलब है, इतनी संपत्ति बना लेना कि आप अपनी मर्जी से जल्दी रिटायर हो सकें और काम करने की मजबूरी न रहे, बल्कि अपनी पसंद का जीवन जी सकें.
उन्होंने जनवरी 2026 तक 1 करोड़ रुपये का फंड बनाने का लक्ष्य रखा था. लेकिन अपनी अनुशासित बचत और स्मार्ट निवेश के दम पर, उन्होंने यह लक्ष्य समय से चार महीने पहले, यानी सितंबर 2025 में ही हासिल कर लिया.