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रक्षा मंत्रालय का यह फैसला न भारतीय सेनाओं को अत्याधुनिक युद्धक उपकरणों और प्रणालियों से लैस कर भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार करेगा। सरकार और सेनाएं मिलकर इस पर तेजी से काम करेंगी ताकि जल्द से जल्द ये हथियार और सिस्टम्स हमारे जवानों के हाथ में हों। भारतीय नौसेना के लिए कई आधुनिक प्रणालियों को मंजूरी दी गई है।ALSO READ: पाकिस्तान के पाप का घड़ा भर गया है, भारतीय सेना की कड़ी चेतावनी
इनमें लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक्स (LPD), 30mm नेवल सरफेस गन (NSG), एडवांस्ड लाइट वेट टॉरपीडो (ALWT), इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल इंफ्रारेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम, और स्मार्ट अम्युनिशन शामिल हैं। वायुसेना के लिए Collaborative Long Range Target Saturation/Destruction System (CLRTS/DS) जैसे उन्नत प्रोजेक्ट्स को भी AoN मिली है।ALSO READ: 3 दिन जो चला वह युद्ध से कम नहीं, Operation Sindoor की पूरी कहानी, भारतीय सेना ने कैसे तबाह किए आतंक के अड्डे
यह तकनीक भारतीय वायुसेना की लंबी दूरी की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा देगी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन सभी प्रस्तावों से भारत की रक्षा क्षमताएं न केवल आधुनिक होंगी बल्कि स्वदेशी निर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा। कई प्रणालियां देश में ही विकसित की जाएंगी, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के उद्देश्यों को बल मिलेगा।