पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने हाल ही में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत नए सब्सक्राइबरों के ऑनबोर्डिंग के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं और एक नया सब्सक्राइबर रजिस्ट्रेशन फॉर्म (SRF) भी पेश किया है, यह जानकारी रेगुलेटर ने एक सर्कुलर में दी, इसके प्रोसेस के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे.
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में नए सदस्यों को जोड़ने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब नए सब्सक्राइबर्स के लिए ऑनबोर्डिंग प्रोसेस और KYC वेरिफिकेशन को आसान, पारदर्शी और पूरी तरह डिजिटल बना दिया गया है. इसके साथ ही PFRDA ने एक नया सब्सक्राइबर रजिस्ट्रेशन फॉर्म (SRF) भी जारी किया है, ताकि जो भी व्यक्ति या कर्मचारी NPS से जुड़ना चाहे, उसे शुरू से अंत तक एक सहज अनुभव मिले.
आसान होगा NPS जॉइन करनानए नियमों के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति अब NPS के तहत दो मॉडलों में से किसी एक को चुन सकता है. ऑल-सिटिजन मॉडल या कॉरपोरेट मॉडल. इसके अलावा, मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) के तहत भी स्कीम चुनी जा सकती है. ऑनबोर्डिंग के दौरान व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत जानकारी देनी होगी, KYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी और जरूरी कंसेंट (अनुमति) देनी होगी. इस पूरी प्रक्रिया में Points of Presence (PoPs) यानी बैंक या अधिकृत एजेंट मुख्य भूमिका निभाते हैं, जबकि Central Recordkeeping Agencies (CRAs) डेटा रिकॉर्ड और तकनीकी प्रक्रिया संभालते हैं.
डिजिटल और फिजिकल दोनों तरीके उपलब्धनए नियमों के तहत अब KYC यानी Know Your Customer वेरिफिकेशन को आसान बना दिया गया है. यह दो तरह से किया जा सकता है. फेस-टू-फेस (सामना-सामनी) या नॉन-फेस-टू-फेस (ऑनलाइन). फेस-टू-फेस KYC में PoP अधिकारी सीधे दस्तावेज देखकर वेरिफिकेशन करते हैं या लाइव वीडियो कॉल के जरिए पहचान की पुष्टि होती है. इसके अलावा, आधार-बेस्ड बायोमेट्रिक e-KYC या डिजिटल KYC के विकल्प भी उपलब्ध हैं. नॉन-फेस-टू-फेस KYC में आधार OTP, ऑफलाइन QR कोड, डिजिलॉकर, CKYC नंबर, या बैंक के रिकॉर्ड के आधार पर भी पहचान सत्यापित की जा सकती है.
विकलांग और ग्रामीण यूजर्स के लिए भी सुविधाPFRDA ने निर्देश दिया है कि सभी PoPs यह सुनिश्चित करें कि दिव्यांग व्यक्ति या ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले यूजर्स को भी समान सुविधा मिले. इसके लिए वीडियो KYC में वैकल्पिक पहचान विकल्प और स्थानीय भाषा में सहायता दी जाएगी. साथ ही, PoPs को यह भी कहा गया है कि वे सब्सक्राइबर्स को NPS के फायदों, निवेश विकल्पों और KYC से जुड़े नियमों की जानकारी सरल भाषा में दें. इस बदलाव से न केवल NPS में शामिल होना आसान होगा, बल्कि प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा भी बढ़ेगी. डिजिटल और फिजिकल दोनों मोड्स में लचीलापन देने से लाखों नए निवेशक इस सरकारी पेंशन योजना से जुड़ सकेंगे.