हिमाचल प्रदेश के हलोग धामी में मंगलवार को दिवाली के दूसरे दिन स्थानीय लोगों के बीच बड़े पैमाने पर पत्थरबाजी देखने को मिली। घटना करीब 40 मिनट तक चली, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पत्थर बरसाए। यह झड़प अचानक किसी विवाद के चलते शुरू हुई और देखते ही देखते बड़े आकार की हो गई।
स्थानीय लोगों के अनुसार, पत्थरबाजी के दौरान इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कई लोग घरों में छिप गए, वहीं कुछ ने पुलिस और प्रशासन से मदद के लिए संपर्क किया। घटना के समय कई वाहन और दुकानों को भी नुकसान पहुंचा।
पुलिस ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी तुरंत मिली और वे घटनास्थल पर पहुंचे। हालांकि पत्थरबाजी के दौरान कोई गंभीर चोट की खबर सामने नहीं आई, लेकिन कुछ लोग मामूली रूप से घायल हुए हैं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर कड़ी निगरानी रखी और दोनों पक्षों को अलग किया।
पुलिस अधिकारी [नाम] ने कहा, “हमने झड़प में शामिल लोगों की पहचान कर ली है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। किसी भी तरह की अनिश्चितता और हिंसा को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। हम स्थानीय लोगों से अपील करते हैं कि वे शांति बनाए रखें और कानून का पालन करें।”
स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की निंदा की है। उनका कहना है कि दिवाली का पर्व भाईचारे और मेल-जोल का प्रतीक है और इस तरह की हिंसा पूरी तरह अस्वीकार्य है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और आपसी मतभेद को संवाद के माध्यम से हल करने की अपील की।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि झड़प के दौरान बच्चों और बुजुर्गों में डर का माहौल बन गया। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए इलाके में सुरक्षा और निगरानी बढ़ाई जाए।
विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारों के दौरान होने वाली छोटी-छोटी बहसें और मतभेद अक्सर बड़े संघर्ष का रूप ले लेती हैं। इसलिए जरूरी है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस समय पर हस्तक्षेप करें और नागरिकों को जागरूक करें।
घटना के बाद प्रशासन ने इलाके में विशेष सतर्कता बढ़ा दी है। पुलिस ने इलाके में पैट्रोलिंग बढ़ाई है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए निगरानी रखी जा रही है। साथ ही दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने की चेतावनी भी दी गई है।
यह घटना यह संदेश देती है कि त्योहारों के दौरान आपसी मतभेद और छोटे विवाद भी बड़े संघर्ष का रूप ले सकते हैं। इसलिए सभी नागरिकों को संयम और समझदारी के साथ त्योहार मनाने की जरूरत है।