भारतीय संगीत के दिग्गज हृदयनाथ मंगेशकर: एक बहुआयामी कलाकार की कहानी
Stressbuster Hindi October 25, 2025 09:42 PM
हृदयनाथ मंगेशकर का संगीत सफर

मुंबई, 25 अक्टूबर। भारतीय संगीत की दुनिया में हृदयनाथ मंगेशकर का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। वे केवल महान गायिका लता मंगेशकर और आशा भोसले के छोटे भाई नहीं थे, बल्कि एक अद्वितीय संगीतकार, गायक और संगीत निर्देशक भी थे।


उनकी विशेषता यह थी कि उन्होंने विभिन्न संगीत शैलियों में अपनी छाप छोड़ी। शास्त्रीय संगीत से लेकर लोक गीत, पॉप, हिंदी और मराठी फिल्मों के लिए संगीत, दूरदर्शन के नाटकों के लिए धुनें और भजन-गजल एल्बम, हर क्षेत्र में उनकी रचनाएं लोगों के दिलों में बस गईं। यही कारण है कि उन्हें भारतीय संगीत में एक बहुआयामी कलाकार माना जाता है।


हृदयनाथ मंगेशकर का जन्म 26 अक्टूबर 1937 को महाराष्ट्र में हुआ। उनके पिता, पंडित दीनानाथ मंगेशकर, एक प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक और थिएटर अभिनेता थे। बचपन से ही हृदयनाथ को संगीत से गहरा लगाव था। उनके पैर में बचपन में संक्रमण हुआ था, जिसके कारण वे खेलकूद में भाग नहीं ले पाते थे। इस समय उन्होंने पढ़ाई और कहानियों में अपनी रुचि बढ़ाई। वे रामायण, महाभारत, और ज्ञानेश्वरी जैसी धार्मिक और पौराणिक किताबें पढ़ते थे और बड़े होते हुए मीराबाई, कबीर, और सूरदास जैसी संत कविताओं में भी रुचि रखते थे।


संगीत में उनका पहला बड़ा मौका 1955 में आया, जब उन्होंने एचएमवी के लिए एक सूरदास का पद 'निस दिन बरसात नैन हमारे' लिखा और इसे लता मंगेशकर ने गाया। यह गाना तुरंत लोकप्रिय हो गया और हृदयनाथ मंगेशकर को संगीतकार के रूप में पहचान दिलाई। उसी साल उन्होंने मराठी फिल्म 'आकाशगंगा' के लिए भी संगीत निर्देशन किया। इस तरह से उनका करियर धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा।


हृदयनाथ मंगेशकर की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे संगीत की लगभग सभी विधाओं में माहिर थे। उन्होंने शास्त्रीय संगीत में गहरी पकड़ बनाई, लोक गीतों में जनता का दिल जीता, और पॉप संगीत में भी अपनी कला दिखाई। उन्होंने हिंदी और मराठी फिल्मों के लिए कई गीत तैयार किए। दूरदर्शन चैनल के लिए उन्होंने कई संगीत नाटकों का संगीत दिया। इसके अलावा, उन्होंने मीरा भजन और गालिब की गजलों पर भी एल्बम बनाकर भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक नया आयाम जोड़ा। उनके एल्बम और रचनाएं आज भी संगीत प्रेमियों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं।


हृदयनाथ मंगेशकर को उनके काम के लिए कई पुरस्कार भी मिले। उन्होंने 1990 में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। 2006 में उन्हें महाराष्ट्र राज्य द्वारा लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2009 में उन्हें पद्म श्री से नवाजा गया और 2016 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप पुरस्कार मिला। 2018 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्होंने सर्वश्रेष्ठ गायक और संगीतकार के लिए सात महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार भी प्राप्त किए।


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