Chhath Puja Vrat Katha: छठ का महापर्व आज शुरू हो गया है. आज नहाय-खाय है. ये महापर्व चार दिनों तक चलेगा. 28 अक्टूबर को उदयगामी सूर्य को अर्ध्य देने के बाद इस महापर्व का समापन होगा. छठ का महापर्व आस्था और अनुशासन का अद्भुत संगम है. इस दौरान छठी मैया और सूर्य देव की पूजा करने के साथ निर्जला व्रत रखा जाएगा.
संध्या अर्घ्य के दिन शाम के समय छठी मैया की पूजा के दौरान छठ व्रत की कथा सुननी या पढ़नी चाहिए. बिना छठ व्रत की कथा सुने या पढ़े उपवास पूरा नहीं होता. छठ व्रत के दौरान कथा पढ़ने या सुनने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ऐसे में आइए जानते हैं छठ पूजा के व्रत की सही कथा के बारे में बारे में.
छठ पूजा की व्रत कथा (Chhath Puja Vrat Katha)पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक प्रियंवद नाम के राजा हुआ करते थे. राजा की कोई संतान नहीं थी. इसकी वजह से उनको और उनकी पत्नी को दुख रहता था. राजा और उनकी रानी मालिनी ने संतान प्राप्ति के लिए कई उपाय भी किए थे, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी. एक दिन राजा अपनी रानी के साथ महर्षि कश्यप के पास पहुंचे.
महर्षि कश्यप ने राजा-रानी की संतान प्राप्ति की इच्छा पूर्ति के लिए एक यज्ञ आयोजित किया. यज्ञ में आहुति देने के लिए एक खीर बनवाई गई. खीर की यज्ञ में आहुति दी गई. इसके बाद जो खीर बच गई उसे रानी को खाने के लिए दे दिया गया. रानी ने खीर खा ली. खीर के असर से रानी गर्भवती हुई. कुछ समय बाद उनको एक पुत्र हुआ, लेकिन वो मृत था. ये देखकर राजा-रानी बहुत दुखी हुए.
इसके बाद राजा अपने मृत पुत्र का शव लेकर शममशान घाट गए. शमशान घाट में राजा ने फैसला किया कि वो भी अपने प्राण त्याग देंगे. जैसे ही राजा के मन में ये विचार आया उनके सामने एक देवी प्रकट हुईं. राजा के सामने जो देवी प्रकट हुईं वो भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री थीं. राजा ने उसने पूछा कि वो कौन हैं. इस पर देवी ने बताया कि वो सृष्टि की मूल प्रवृत्ति के छठे अंश से उत्पन्न हुईं और उनका नाम षष्ठी है.
देवी ने राजा से कहा कि वो उनकी पूजा करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें. देवी ने राजा से कहा कि ऐसा करने से वो इस दुख से मुक्त हो जाएंगे. इसके बाद राजा ने पुत्र इच्छा से देवी षष्ठी का व्रत किया और उनके यहां पुत्र पैदा हुआ. तभी से षष्ठी यानी छठी मैया की पूजा की रही है.
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.