Kartik Purnima Puja Vidhi : कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें और क्या न करें? जानें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
UPUKLive Hindi October 27, 2025 10:42 AM

Kartik Purnima Puja Vidhi : हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास का विशेष महत्व है, और इस मास की पूर्णिमा तो अत्यंत पावन मानी जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाने की परंपरा है।

माना जाता है कि इस तिथि पर देवता स्वयं पृथ्वी पर उतरकर दीपदान करते हैं और गंगा स्नान का पुण्य अर्जित करते हैं। इसी कारण इसे देवों की दिवाली या त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है।

सिख समुदाय इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाता है, इसलिए यह दिन आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद पावन और शुभ माना गया है।

कार्तिक पूर्णिमा 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 04 नवंबर 2025, रात 10:36 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त 05 नवंबर 2025, शाम 6:48 बजे
  • गंगा स्नान मुहूर्त सुबह 4:52 से 5:44 बजे तक
  • पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7:58 से 9:20 बजे तक
  • देव दीपावली (प्रदोषकाल) शाम 5:15 से रात 7:05 बजे तक

कार्तिक पूर्णिमा पर कैसे करें पूजा?

कार्तिक पूर्णिमा की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से की गई पूजा शुभ फल प्रदान करती है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, यदि संभव हो तो गंगा स्नान का विशेष पुण्य मिलता है।

घर में गंगाजल का छिड़काव करके पवित्रता स्थापित करें। इसके बाद फलाहार व्रत का संकल्प लें। इस व्रत में अनाज, मसाले, तंबाकू, चाय-कॉफी और तामसिक भोजन का सेवन वर्जित है।

व्रत संकल्प के बाद श्री गणेश जी की पूजा करें। अब विधि-विधान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को भोग, पुष्प और पूजा सामग्री अर्पित करें।

परिवार के साथ सत्यनारायण कथा का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजा के बाद ब्राह्मण को अन्न, वस्त्र, घी, तिल, चावल आदि का दान अवश्य करें। शाम के समय किसी नदी, तालाब या सरोवर में दीपदान करें।

रात में व्रत पूरा करके व्रत का पारण करें।

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सरल और प्रभावी उपाय

यदि आप धन, समृद्धि और सुख-शांति की कामना रखते हैं, तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन यह उपाय विशेष लाभ देता है:

उपाय

माता लक्ष्मी की पूजा करते समय लाल फूल अवश्य अर्पित करें। इसके साथ कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से धन की कमी दूर होने की मान्यता है।

11 कौड़ियों पर हल्दी का लेप लगाकर पूजा में चढ़ाएं। घी का दीपक जलाकर लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।

पूजा पूर्ण होने के बाद ये कौड़ियाँ तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दें। इससे घर में लक्ष्मी का निवास बना रहता है।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

इस दिन दीपदान का विशेष महत्व है, यह पितरों और देवताओं की कृपा दिलाता है।

मान्यता है कि इस रात जलाने वाला प्रत्येक दीपक कर्मों का अंधकार दूर करता है।

यह दिन दान-धर्म, पूजन और आध्यात्मिक साधना के लिए अत्यंत शुभ है।

कार्तिक पूर्णिमा केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और धार्मिक ऊर्जा से भरा एक पावन दिन है। यदि श्रद्धा और आस्था के साथ पूजा, व्रत और दीपदान किया जाए, तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग खुलता है।

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