रेलवे कलेक्शन के 70 लाख लेकर भागे मामा-भांजे पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार, भांजा घायल
Udaipur Kiran Hindi October 27, 2025 12:42 PM

–नगदी, कार, तमंचा व कारतूस बरामद, रूपये लेकर छतरपुर शिफ्ट करने जा रहे थे

झांसी, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . नवाबाद थाना क्षेत्र में 12 दिन पहले रेलवे कलेक्शन के 69.78 लाख रुपए लेकर भागे मामा-भांजे की sunday सुबह पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई. मुठभेड़ में वारदात के मुख्य आरोपित भांजे के पैर में गोली लगने से भांजा घायल हो गया. जबकि मामा ने पुलिस के सामने समर्पण कर दिया. पुलिस ने उनके पास से गबन की पूरी रकम, एक कार, तमंचा और कारतूस बरामद कर लिए. घायल भांजे को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया.

एसपी सिटी प्रीति सिंह ने बताया कि सीएमएस इन्फो लिमिटेड कम्पनी में प्रेमनगर के नगरा कसाई बाबा निवासी अंशुल साहू कलेक्शन एजेंट था. वो उत्तर मध्य रेलवे के टिकट कलेक्शन का पैसा स्टेशन रोड पर Indian स्टेट बैंक में जमा करने का काम करता था. 13 अक्टूबर को वह झांसी रेल कार्यालय पहुंचा. यहां से अंशुल 69 लाख 78 हजार 642 रुपए लेकर बैंक में जमा करने निकल गया. मगर वह रकम को जमा करने बैंक नहीं गया, बल्कि पूरा पैसा लेकर भाग गया. तब कम्पनी के मैनेजर गौतम गर्ग ने नवाबाद थाने में अंशुल के खिलाफ मामला दर्ज कराया. मामला दर्ज होने के बाद नवाबाद थाने की पुलिस ने स्वॉट टीम के साथ मिलकर उसकी तलाश शुरू कर दी थी.

वारदात के 13 दिन बाद sunday सुबह 5:30 बजे मुखबिर ने सूचना दी कि अंशुल साहू समेत दो लोग भगवंतपुरा के पास कार लेकर कहीं जाने वाले हैं. इस पर नवाबाद थाना प्रभारी जेपी पाल और स्वाट टीम प्रभारी जितेंद्र तक्खर ने पुलिस टीम के साथ चेकिंग शुरू करते हुए कार सवार आरोपितों को रोकने का प्रयास किया. दोनों पुलिस को देखकर जंगल की ओर भागने लगे. पुलिस ने पीछा कर उन्हें रोकने का प्रयास किया. जिस पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस की जबाबी कार्रवाई में अंशुल साहू पुत्र रतीराम के पैर में गोली लग गई. जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया. वहीं उसके मामा जीवन साहू ने पुलिस के सामने समर्पण कर दिया. दोनों से पुलिस ने पूरी रकम बरामद कर ली.

–कर्ज के चलते लालच में रची गयी साजिश

इस मामले में पूछताछ के बाद पुलिस लाइन सभागार में पत्रकारों को जानकारी देते हुए एसएसपी बीबी जीटीएस मूर्ति ने बताया कि आरोपित अंशुल पर बहुत ज्यादा कर्ज हो गया था. इस वजह से वह परेशान रहता था. अंशुल ने पुलिस को बताया कि वह अक्सर रकम जमा करने जाता था. यह देखकर मन में लालच आ गया और पैसा हड़पने के लिए उसने पूरी साजिश रच डाली. योजनाबद्ध तरीके से पहले उसने अपने परिवार से संबंध तोड़कर गजट निकलवाया. इसके बाद मामा के साथ मिलकर 13 अक्टूबर को घटना को अंजाम देकर फरार हो गया था. दोनों ने रुपए छिपाकर रखे थे. काफी दिन बीत जाने के बाद माहौल शांत होता देख रुपयों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए कार से छतरपुर जा रहे थे. तभी मुखबिर की सूचना पर दोनों मुठभेड़ में पकड़े गए.

—————

(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.