आगरा, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . पूरे देश में फुटवियर उद्योग के लिए विख्यात आगरा का 17 वां तीन दिवसीय प्रतिष्ठित फुटवियर उद्योग मेला 7 नवंबर से आगरा में आयोजित होने जा रहा है जिसमें पूरे विश्व के जूता उद्योग से जुड़े निर्माता,व्यापारी, निर्यातक, आयातक भाग लेंगे.
फुटवियर उद्योग के प्रोत्साहन, प्रचार प्रसार लिए वर्ष का सबसे बड़ा आयोजन ‘मीट एट आगरा’ 2025 इस बार 7 से 9 नवम्बर तक थाना क्षेत्र सिर्फ सिकंदरा अंतर्गत आगरा ट्रेड सेंटर, सींगना गांव, एनएच–2 पर आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन में करीब 35 देशों के 250 से अधिक एग्जीबिटर्स, 25,000 से अधिक विजिटर्स का भाग लेना अनुमानित है. नई टेक्नोलॉजी और नए इनोवेशन के साथ यह तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मेला आगरा को फुटवियर इंडस्ट्री के अंतरराष्ट्रीय हब के रूप में स्थापित करने करने में मील का पत्थर साबित हो रहा है. निवेश प्रोत्साहन विभाग के मंत्री 7 नवम्बर को मेले का उद्घाटन नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ करेंगे.
इस मेले में जूता उद्योग के सामने आ रही चुनौतियों और संभावनाओं पर भी जूता व्यापारी वर्ग चर्चा करेंगे.यह आयोजन आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैम्बर (एफमेक) के बैनर तले किया जाता है जिसके 17 में चैप्टर का आयोजन 7 से 9 नवंबर तक आगरा में हो रहा है. पिछले वर्ष इस मेले का आयोजन 8 से 10 नवम्बर तक किया गया था.
इस आयोजन के बारे में एफमेक के अध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने कहा कि लगभग 19 वर्ष पहले कैप्टन एएस राणा ने ‘मीट एट आगरा फेयर’ की शुरुआत इस सोच के साथ की थी कि हमारी फुटवियर इंडस्ट्री की सप्लाई चेन को मजबूत बनाया जाए. उस समय यह केवल एक विचार था, लेकिन आज यह एक बड़ा आंदोलन बन चुका है.
इस आयोजन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में पूर्व अध्यक्ष पूरन डावर का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने बताया कि यह फेयर अब सिर्फ इंडस्ट्री को जोड़ने का नहीं, बल्कि उसे नई दिशा देने का मंच बन गया है. इस बार हमने इंडस्ट्री को और मजबूत बनाने के लिए रेटिंग और फैक्टरिंग से जुड़ी संस्थाओं को भी आमंत्रित किया है ताकि हमारे कारोबारी साथियों को वित्तीय योजनाओं और अवसरों की बेहतर जानकारी मिल सके. अगर सप्लाई चेन मजबूत होगी तो जूता निर्माता और निर्यातक भी मजबूत होंगे. एफमेक का हमेशा यही प्रयास रहता है कि इंडस्ट्री के भीतर सहयोग बढ़े, विदेशी वेंचर्स से साझेदारी बने और जो चीजें हम आज बाहर से मंगवाते हैं, वे आगरा में ही निर्मित हों यही ‘मेक इन इंडिया’ का असली उद्देश्य है.गुप्ता ने इंडस्ट्री से जुड़े सभी कारोबारियों, फैक्ट्री मालिकों, परचेज मैनेजरों और आरएंडडी विभाग के वरिष्ठ सहयोगियों से आग्रह किया कि वे इस फेयर में अवश्य आएं और इसका अधिक से अधिक लाभ उठाएं.
गोपाल गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष अनुमानित 8,000 ट्रेड विजिटर्स और 25,000 से अधिक फुटफॉल की संभावना है. सरकार और उद्योग–संगठनों के प्रयासों से मौजूदा 26 बिलियन डॉलर के Indian फुटवियर बाज़ार को 2030 तक 47 बिलियन डॉलर तक बढ़ाया जा सकता है. यह वृद्धि मुख्य रूप से गैर–चमड़े के जूतों जैसे स्पोर्ट्स, रनिंग, कैज़ुअल वियर और स्नीकर्स की बढ़ती मांग के बल पर संभव है.
फेयर आयोजन समिति के चेयरमैन कुलबीर सिंह ने बताया कि यह आयोजन अब वर्ल्ड फुटवियर कैलेंडर में शामिल हो चुका है और विभिन्न देशों के उद्योग जगत से जुड़े कारोबारी हर साल इसका इंतजार करते हैं.
एफमेक उपाध्यक्ष राजीव वासन ने जानकारी दी कि फुटवियर कंपोनेंट इंडस्ट्री जब मजबूत होगी तभी अच्छा जूता बन सकेगा. यह फेयर कंपोनेंट इंडस्ट्री और मैन्युफैक्चरर्स के बीच सेतु की तरह काम कर रहा है. इस बार तकनीकी सत्रों में डिजाइन ट्रेंड्स, मैन्युफैक्चरिंग तकनीक और मार्केटिंग स्ट्रेटेजी जैसे विषयों पर विशेषज्ञ चर्चा करेंगे. ये सत्र उद्योग के वर्तमान और भविष्य की दिशा तय करने में मददगार होंगे.भारत दुनिया के कुल फुटवियर उत्पादन का लगभग 13% हिस्सा बनाता है, जबकि निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 2.2% है. हमारे पास उत्पादन और निर्यात दोनों को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं.इस मौके पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पांच समूहों को ‘एक्सीलेंस अवार्ड’ से सम्मानित भी किया जायगा. फेयर के दौरान कई सेमिनार और तकनीकी सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें उद्योग के विभिन्न मुद्दों जैसे भूमि अधिग्रहण, वित्त प्रबंधन और निवेश के अवसरों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
तीन दिवसीय इस आयोजन के हर दिन विभिन्न गतिविधियां और सत्र होंगे, जो प्रदर्शकों और आगंतुकों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए हैं.
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(Udaipur Kiran) / Vivek Upadhyay