जापान की पीएम सनाए ताकाइची ने मंगलवार को टोक्यो में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. ट्रंप का हैंडशेक, ताकाइची को महान कहना, रेयर अर्थ पर डील और ताकाइची का दोनों राष्ट्रों के गठबंधन को नए आयाम तक पहुंचाने का वादा चर्चा में रहा. डिप्लोमेसी शॉर्ट टर्म को ध्यान में रखकर नहीं गढ़ी जाती है, तो क्या नयी पीएम का अंदाज घरेलू और वैश्विक स्तर पर उनकी उज्जवल छवि पेश करने में सफल रहा!

राष्ट्रपति ट्रंप ने हाथ मिलाकर उन्हें मजबूत और महान पीएम बताया. अमेरिकी पीएम का ये अंदाज ताकाइची के इकबाल को घरेलू स्तर पर बुलंद करता है. दरअसल, अपना पद संभालते ही ताकाइची ने साफ किया था कि वो डिफेंस खर्च में बढ़ोत्तरी करेंगी. इसके पीछे का प्रमुख कारण चीन से जापान की पुरानी अदावत और उसकी आक्रमकता रही है. अमेरिका से रेयर अर्थ को लेकर जो डील हुई है, उससे कहीं न कहीं जापान मान कर चल रहा है कि रक्षा क्षेत्र में निवेश पर अमेरिका अड़ंगा नहीं लगाएगा.
ताकाइची ने गठबंधन के लिए “एक नया सुनहरा दौर” लाने का वादा भी किया. राजधानी में सुरक्षा कड़ी थी, बैठक से पहले लगभग 18,000 पुलिस ऑफिसरों को तैनात किया गया था. जापानी मीडिया भी मान रहा है कि यह ताकाइची की डिप्लोमेसी का एक अहम टेस्ट था, क्योंकि वह रक्षा खर्च पर अमेरिका के बढ़ते दबाव को रोकते हुए जापान-अमेरिका गठबंधन को नयी ऊंचाइयों पर ले जाना चाहती हैं.
इसके साथ ही उन्होंने (ताकाइची) वो सब कुछ किया जो ट्रंप के गोल्फिंग पार्टनर और जापान के भूतपूर्व पीएम शिंजो आबे किया करते थे. उन्होंने राजा से मिलवाया और एक बहुत बढ़िया राजकीय यात्रा का भी आयोजन किया. जापान की इस नयी पीएम ने ट्रंप को दिए तोहफे में डिप्लोमेसी के साथ ही इमोशन्स का पुट था. ताकाइची ने भूतपूर्व पीएम शिंजो आबे का पुटर (गोल्फ की छड़ी) दिया और जापानी गोल्फर हिदेकी मात्सुयामा के हस्ताक्षर वाला एक गोल्फ बैग भेंट किया, जिसका मकसद यकीनन दोनों राष्ट्रों के संबंध की याद दिलाना रहा.
दोनों राष्ट्रों ने मिनरल्स और रेयर अर्थ्स की आपूर्ति को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. दुनिया जानती है कि अमेरिका SmartPhone से लेकर फाइटर जेट्स तक कई तरह के प्रोडक्ट्स के लिए महत्वपूर्ण इन मटीरियल्स पर चीन के राज को समाप्त करना चाहता है, उस पर निर्भरता कम करना चाहता है. जापान के अहम सुरक्षा और व्यापार पार्टनर संग ऐसा ही करीबी रिश्ता ताकाइची को राष्ट्र में अपनी कमजोर सियासी स्थिति को मजबूत करने में सहायता कर सकता है.
जापान टाइम्स लिखता है कि ट्रंप ने यूएस से अधिक सुरक्षा उपकरण खरीदने की जापान की कोशिशों की भी प्रशंसा की, जबकि ताकाइची ने बोला कि कंबोडिया-थाईलैंड और इजरायल-हमास के बीच सीजफायर कराने में ट्रंप की किरदार “अभूतपूर्व” उपलब्धि थी. यही वजह है कि उन्होंने दूसरे वर्ल्ड लीडर्स की तरह ट्रंप को शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया.
जापानी मीडिया का बोलना है कि ताकाइची के तेवर जनता को पसंद आ रहे हैं, लेकिन अभी भी वे निचले सदन में बहुमत से दो वोट दूर हैं. ऐसे में आशा पक्की है कि जो डील सील हुई है, वह जापानी पीएम की स्थिति को और मजबूत करेगी. ट्रंप के साथ जापान का यह गठबंधन नयी ऊर्जा भरने का काम करेगा
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