चक्रवात मोंथा आंध्र प्रदेश के तट से टकराया, आधी रात तक हाई अलर्ट
Udaipur Kiran Hindi October 29, 2025 10:42 AM

– आपात स्थिति से निपटने को 488 मंडल-स्टार्क नियंत्रण कक्ष स्थापित- राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 219 से अधिक चिकित्सा शिविर किए स्थापित- राष्ट्रीय राजमार्गों पर भारी वाहनों का आवागमन शाम सात बजे से बंदअमरावती, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . चक्रवाती तूफान मोंथा काकीनाडा और मछलीपट्टनम के बीच अंतर्वेदीपलेम में अपनी दिशा बदल कर तट से टकराया है. पिछले 6 घंटे में यह 17 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा. फिलहाल मछलीपट्टनम से 20 किलोमीटर, काकीनाडा से 110 किलोमीटर और विशाखापत्तनम से 220 किलोमीटर दूर केंद्रित है. इसे तट को पूरी तरह से पार करने में 4-5 घंटे लगने की संभावना है. आपदा प्रबंधन एजेंसी के एमडी प्रखर जैन ने चेतावनी जारी की है कि लोग सुरक्षा के मद्देजनर घरों के अंदर रहें.

अधिकारियों का कहना है कि तूफ़ान के तट पार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और रात 11 बजे तक इसके पूरी तरह तट पार कर लेने की संभावना है. तूफ़ान राजौल और अल्लावरम के बीच बंदरगाह तट पार करेगा. हालांकि संभावना है कि तूफ़ान के तट से टकराने से लेकर तट को पूरी तरह पार करने में पाेच घंटे लगेंगे. मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये पांच घंटे बेहद अहम हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारी बारिश के कारण विशाखापत्तनम में चट्टानें भी खिसक गई हैं. चक्रवात हर जगह तांडव मचा रहा है. ऐसा लग रहा है कि पूरा तटीय इलाका भी दहशत में है.

काकीनाडा तट की ओर एक महाचक्रवात का असर देखा जा रहा है. चक्रवात ने विशाखापत्तनम में कई इलाकों और अंडरब्रिज को जलमग्न कर दिया है. इसके चलते अधिकारी तटीय इलाकों के लोगों को पुनर्वास केंद्रों में पहुंचा रहे हैं.

Andhra Pradesh आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चक्रवात मोन्था के प्रभाव से हुई भारी बारिश को देखते हुए महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं.

चक्रवात प्रभावित जिलों में सड़कों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. राष्ट्रीय राजमार्गों पर भारी वाहनों का आवागमन शाम 7 बजे से बंद कर दिया गया. सलाह दी गई है कि वाहनों को पहले से ही सुरक्षित स्थानों पर पार्क कर दिया जाए. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि लोगों को आपात स्थिति को छोड़कर यात्रा नहीं करनी चाहिए.

Andhra Pradesh के तटीय इलाके समुंदर अशांत हो गए हैं. काकीनाडा ज़िले का उप्पाडा तट समुद्र की लहरों के ज़ोर से कटाव का शिकार हो रहा है. लहरों के उफान से समुद्र तट की सड़क नष्ट हो गई है. कई घर तबाह हो गए हैं. नेल्लोर के माइपाडु समुद्र तट पर समुद्र का जलस्तर लगभग 40 मीटर बढ़ गया है.

चक्रवात मोन्था से राज्य के 22 जिलों के 403 मंडलों के प्रभावित होने की आशंका है. सरकार ने आपात स्थिति से निपटने के लिए 488 मंडल-स्टार्क नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं. कुल 1204 पुनर्वास केंद्र स्थापित किए गए हैं और 75,802 लोगों को पुनर्वास केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है. सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में 219 से अधिक चिकित्सा शिविर स्थापित किए हैं.

राज्य सरकार ने प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, चक्रवात के कारण हुई भारी बारिश से राज्य में 38,000 हेक्टेयर फसलें बर्बाद हुई हैं. 1.38 लाख हेक्टेयर में लगी बागवानी फसलों को भी नुकसान पहुंचा है.

सुबह 8.30 बजे से शाम 4 बजे तक, नेल्लोर जिले के उलवापाडु में 12.6 सेंटीमीटर, सिंगरायकोंडा में 10.5 सेंटीमीटर, कावली में 12.2 सेंटीमीटर, दगदर्थी में 12 सेंटीमीटर, बी.कोडुर में 6 सेंटीमीटर, कलिंगपट्टनम में 7 सेंटीमीटर, विशाखापट्टनम और तुनी में 2-2 सेंटीमीटर बारिश हुई.

खबर लिखे जाने तक राजौल में विद्युत आपूर्ति बंद कर दी गई थी और तेज हवा चलते कई जिलों में मोबाइल सेल टावर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. विशाखापट्टनम और काकीनाडा के बीच कई पेड़ गिर पड़े और एनडीआरएफ का दल राहत कार्यों जुटा है.

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(Udaipur Kiran) / नागराज राव

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