दोस्तो हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बड़ा पवित्र माना जाता हैं और इसकी घरों में प्रतिदिन पूजा की जाती हैं, प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी विवाह किया जाता हैं, यह दिव्य उत्सव तुलसी माता (पवित्र तुलसी का पौधा) और भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप के विवाह का प्रतीक है। यह हिंदू संस्कृति में सावन के अंत और विवाह के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। तुलसी विवाह करने से मिलते ये लाभ, आइए जानते हैं इनके बारे में
तुलसी विवाह का आध्यात्मिक महत्व
तुलसी विवाह का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व गहरा है। जो लोग इस पवित्र अनुष्ठान को श्रद्धापूर्वक करते हैं, उन्हें दिव्य आशीर्वाद और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
तुलसी विवाह करने के प्रमुख लाभ
सुख और समृद्धि
तुलसी विवाह करने से घर में शांति, सुख और समृद्धि आती है। यह नकारात्मकता को दूर करता है और परिवार में सद्भाव का वातावरण सुनिश्चित करता है।
वैवाहिक जीवन में सुधार
यह अनुष्ठान वैवाहिक समस्याओं को सुलझाने में मदद करता है और विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनकी शादी में देरी हो रही है। यह बाधाओं को दूर करता है और जोड़ों के बीच के बंधन को मज़बूत करता है।
संतान प्राप्ति का आशीर्वाद
धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि जो निःसंतान दंपत्ति सच्चे मन से तुलसी विवाह करते हैं, उन्हें ईश्वरीय कृपा से संतान की प्राप्ति होती है।
कन्यादान के समान
तुलसी विवाह करना कन्यादान (अपनी बेटी का विवाह करने का पवित्र कार्य) जितना ही पवित्र और पुण्यकारी माना जाता है। यह घर में धन और सौभाग्य को भी आकर्षित करता है।
देवी लक्ष्मी की कृपा
जिस घर में तुलसी और शालिग्राम का मिलन होता है, उस पर स्वयं देवी लक्ष्मी की कृपा होती है, जिससे निरंतर धन और समृद्धि बनी रहती है।