CLAT परीक्षा में संभावित बदलाव
हाल ही में, सामान्य कानून प्रवेश परीक्षा (CLAT), जो देश के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालयों (NLUs) में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है, में महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना है। पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में एक सलाहकार बोर्ड ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जो परीक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और आधुनिक बनाने के लिए काम करेगी। यह समिति 2027 से लागू होने वाले सुधारों पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसके पैटर्न को अमेरिका की LSAT परीक्षा के समान बनाने पर विचार किया जा रहा है, जिसके लिए समिति ने सुझाव मांगे हैं।
समिति के कार्यों का खाका तैयार करना
इस समिति में भारत और विदेश के प्रमुख कानूनी विद्वान शामिल हैं। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर देव सैफ गंजी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर तरुणाभ खैतान को सह-अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, कोलंबिया लॉ स्कूल के प्रोफेसर श्यामकृष्ण बलगणेश, बीएमएल मुंजल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रीतम बरुआ, और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सुरभि रंगनाथन भी समिति का हिस्सा हैं।
CLAT परीक्षा की गुणवत्ता में सुधार
समिति का मुख्य उद्देश्य CLAT परीक्षा की गुणवत्ता, निष्पक्षता और प्रासंगिकता में सुधार करना है। इसमें परीक्षा के प्रश्नों की गुणवत्ता, अनुभागीय संतुलन, पाठ्यक्रम और मूल्यांकन प्रणाली की गहन समीक्षा शामिल होगी। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि परीक्षा छात्रों की योग्यता और कानूनी सोच का सही आकलन करे।
CLAT में अंतरराष्ट्रीय मानकों का समावेश
विशेषज्ञ समिति अमेरिकी LSAT और ब्रिटिश LNAT जैसी अंतरराष्ट्रीय परीक्षाओं का तुलनात्मक अध्ययन करेगी। इसका उद्देश्य यह पहचानना है कि उन परीक्षाओं से कौन-सी सर्वोत्तम प्रथाएँ भारतीय CLAT में लागू की जा सकती हैं ताकि वैश्विक मानक प्राप्त किया जा सके।
सुधारों के लिए सुझाव आमंत्रित
CLAT परीक्षा में बदलाव को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए, समिति ने जनता से सुझाव मांगे हैं। इच्छुक व्यक्ति अपने विचार, सुझाव या टिप्पणियाँ एक गूगल फॉर्म के माध्यम से प्रस्तुत कर सकते हैं। सुझाव प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2025 से 4 नवंबर 2025 तक निर्धारित की गई है।