देवउठनी एकादशी 2025
देवउठनी एकादशी 2025
Dev Uthani Ekadashi 2025: इस वर्ष देवउठनी एकादशी का पर्व शनिवार, 1 नवंबर को मनाया जाएगा, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर आता है। इस दिन भगवान विष्णु की नींद समाप्त होती है, जिससे सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। चार महीने के चातुर्मास के बाद शादियों का आयोजन भी इसी दिन से शुरू होता है। इस अवसर पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। यदि आप इस दिन पूजा करने की योजना बना रहे हैं, तो आइए जानते हैं कि देवउठनी एकादशी की पूजा कैसे की जाती है और कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए।
देवउठनी एकादशी 2025 मुहूर्तइस पूजा के लिए भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र, चौकी, पीले वस्त्र, धूप, दीप, घी, फल, फूल, तुलसी के पत्ते, पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल), मिठाई और अक्षत की आवश्यकता होती है। ध्यान रखें कि इस दिन चावल का उपयोग वर्जित है, इसलिए तिल का प्रयोग किया जाता है।
देवउठनी एकादशी की पूजा विधिइस दिन भगवान विष्णु को दूध, शहद, घी, और शक्कर से बने पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, पंजीरी का भोग भी बहुत शुभ माना जाता है।
देवउठनी एकादशी को तुलसी में क्या चढ़ाना चाहिए?इस दिन तुलसी में लाल रंग के फूल, सिंदूर और लाल चुनरी चढ़ा सकते हैं। साथ ही, घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु के भोग में तुलसी पत्र भी अर्पित करें। एकादशी पर तुलसी की पूजा करते समय, तुलसी के पत्ते न उतारें, बल्कि एक दिन पहले तोड़कर रख लें।