उत्तराखंड में अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 को मिली मंजूरी, मदरसा बोर्ड होगा समाप्त
newzfatafat November 05, 2025 02:42 AM
उत्तराखंड सरकार का ऐतिहासिक कदम

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने 'उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक, 2025' को स्वीकृति दे दी है। इस विधेयक के लागू होने पर राज्य का मदरसा बोर्ड समाप्त कर दिया जाएगा।


सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, अब राज्य में सभी मदरसों को उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त करनी होगी और उन्हें उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होना अनिवार्य होगा। इस कदम के साथ, उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा जिसने अपने मदरसा बोर्ड को समाप्त कर अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को मुख्यधारा की शिक्षा में शामिल किया है।


मुख्यमंत्री धामी का बयान


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्य में समान और आधुनिक शिक्षा प्रणाली लागू करने की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि जुलाई 2026 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से सभी अल्पसंख्यक स्कूल राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) और नई शिक्षा नीति (NEP 2020) को अपनाएंगे। सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सरकार का उद्देश्य है कि राज्य का हर बच्चा—चाहे वह किसी भी वर्ग या समुदाय से जुड़ा हो—समान शिक्षा और अवसरों के साथ आगे बढ़े।” उन्होंने राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब इस विधेयक के कानून बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।


नई व्यवस्था की रूपरेखा
नए कानून के तहत अल्पसंख्यक समुदायों की शिक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए एक नया प्राधिकरण गठित किया जाएगा। यह संस्था अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को मान्यता प्रदान करने और उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने का कार्य करेगी। विधेयक लागू होने के बाद मदरसों समेत सभी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड से संबद्धता प्राप्त करनी अनिवार्य होगी।


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