अब, इलेक्ट्रिक कारें हाई-स्पीड हाईवे पर चलते-फिरते चार्ज हो सकेंगी। फ्रांस ने दुनिया का पहला ऐसा हाईवे बनाया है जो चलते वाहनों को वायरलेस तरीके से चार्ज करता है। इस तरह, सड़कें खुद ही ऊर्जा का स्रोत बन जाएँगी और चलते-फिरते अपने आप चार्ज हो जाएँगी।
चार्जिंग स्टेशन पर रुकने की ज़रूरत नहीं
फ्रांस ने दुनिया का पहला ऐसा हाईवे लॉन्च किया है जो डायनेमिक वायरलेस चार्जिंग सिस्टम से लैस है। इस तकनीक से इलेक्ट्रिक वाहन चलते-फिरते चार्ज हो सकेंगे, जिससे कारों या ट्रकों को चार्जिंग स्टेशनों पर रुकने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
किस संगठन ने मिलकर इस परियोजना को विकसित किया है?
यह प्रयोग पेरिस से लगभग 40 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित A10 हाईवे पर शुरू किया गया है। कई संगठनों ने मिलकर इस परियोजना को विकसित किया है, जिसका नाम है "चार्ज ऐज़ यू ड्राइव"। फ्रांस में A10 हाईवे 1.5 किलोमीटर लंबा है और इसमें सड़क के अंदर कॉइल लगे हैं। इन कॉइल से गुजरने वाले इलेक्ट्रिक वाहन चलते समय बिजली प्राप्त करेंगे। परीक्षण के दौरान यह तकनीक सफल साबित हुई है। इसकी अधिकतम शक्ति 300 किलोवाट से अधिक और औसत ऊर्जा हस्तांतरण क्षमता 200 किलोवाट पाई गई है।
यह तकनीक कैसे काम करती है?
जब कोई इलेक्ट्रिक वाहन सड़क की सतह के नीचे लगे विद्युत चुम्बकीय कॉइल के ऊपर से गुजरता है, तो चुंबकीय क्षेत्र के माध्यम से बिजली वाहन पर लगे रिसीवर तक पहुँचती है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि वाहन को चार्जिंग के लिए रुकना नहीं पड़ेगा। सड़क के नीचे लगे ट्रांसमिट कॉइल और रिसीवर कॉइल के बीच बिजली के आदान-प्रदान को सेंसर और सॉफ्टवेयर के माध्यम से वास्तविक समय में नियंत्रित किया जाता है।