चौंकाने वाली ठगी: गे डेटिंग एप से बुलाकर लूटे 45 हजार, तीन ठग पकड़े गए!
UPUKLive Hindi November 14, 2025 07:42 AM

इटावा: गे डेटिंग एप के जरिए एक युवक को जाल में फंसाकर साइबर ठगों ने उससे 45 हजार रुपये लूट लिए। यह खौफनाक वारदात 9 नवंबर को औरैया के एक युवक के साथ हुई। ठगों ने नकली पिस्तौल दिखाकर उसे डराया, उसका मोबाइल छीन लिया और खाते से रुपये ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद उसे जसवंतनगर के नेशनल हाईवे की सर्विस रोड पर फेंककर फरार हो गए। पुलिस ने इस मामले में तीन ठगों को धर दबोचा है, जबकि एक आरोपी अभी फरार है। उसकी तलाश में पुलिस की टीमें छापेमारी कर रही हैं।

कैसे फंसा युवक ठगों के जाल में?

एसपी सिटी अभयनाथ त्रिपाठी ने बताया कि 9 नवंबर को औरैया के एक युवक ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उसके साथ ठगी हुई है। युवक ने बताया कि वह कुछ दिन पहले एक गे डेटिंग एप से जुड़ा था। वहां उसकी कुछ लोगों से चैट शुरू हुई। 9 नवंबर को एक शख्स ने उसे भरथना चौराहे पर चाय पीने के बहाने बुलाया। जैसे ही वह वहां पहुंचा, चार युवकों ने उसे अपनी कार में खींच लिया। कार में बैठते ही ठगों ने नकली पिस्तौल दिखाकर उसे धमकाना शुरू कर दिया। उन्होंने उसका मोबाइल छीन लिया, पासवर्ड पूछकर खाता खोला और दो बार में 25 हजार और 20 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद ठग उसे नगला कन्हई के पास सर्विस रोड पर छोड़कर भाग गए।

पुलिस ने कैसे पकड़े ठग?

पुलिस लाइन सभागार में मामले का खुलासा करते हुए एसपी सिटी ने बताया कि बुधवार रात जसवंतनगर पुलिस केवला रोड तिराहे पर चेकिंग कर रही थी। इस दौरान तीन संदिग्ध युवकों को पकड़ा गया। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम आलोक परिहार उर्फ राहुल (निवासी बनकटी बुजुर्ग, जसवंतनगर, इटावा, हाल पता शांति कॉलोनी, मैनपुरी फाटक), विपुल द्विवेदी (निवासी नेविल रोड) और कृष्णेश मिश्रा (निवासी एसडी फील्ड) बताए। चौथा आरोपी बूटे उर्फ प्रदीप (निवासी लाखापुर, फ्रेंड्स कॉलोनी) मौके से भाग निकला। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खाते में जमा 45 हजार रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं।

ऑनलाइन गेमिंग एप से मनी लॉन्ड्रिंग

एसपी सिटी ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल की जांच में कई चैट रिकॉर्ड और आपत्तिजनक वीडियो मिले हैं। इससे शक है कि यह गिरोह पहले भी कई लोगों को ठग चुका है। ठग पैसे सीधे अपने खातों में नहीं लेते थे। वे पहले पीड़ित से ऑनलाइन गेमिंग एप अल्ट्राविन में रुपये डलवाते थे। वहां से पैसा अलग-अलग फर्जी खातों में ट्रांसफर कर देते थे। एसपी सिटी ने कहा कि यह डिजिटल मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है, जो बेहद गंभीर है।

मुख्य आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड

पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी आलोक परिहार के खिलाफ लूट, धोखाधड़ी और मारपीट की धाराओं में चार मामले दर्ज हैं। उसके साथी विपुल द्विवेदी के खिलाफ भी लूट का केस दर्ज है। यह गिरोह सुनियोजित तरीके से ठगी करता था। हैरानी की बात यह है कि मुख्य आरोपी आलोक सिर्फ 12वीं तक पढ़ा है, फिर भी उसने इतना शातिर तरीका अपनाया।

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