काठमांडू, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) . प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कहा कि आने वाले चुनाव में प्रवासी नेपाली नागरिकों के मतदान की व्यवस्था करने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है.
प्रधानमंत्री कार्की ने देश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से बाहर रहने वाले नागरिकों तथा विदेश में बसे नेपाली नागरिकों के लिए मतदान की व्यवस्था संभव बनाने के विषय पर एक उच्चस्तरीय बैठक की.
प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद कार्यालय में हुई इस बैठक में गृह मंत्री ओमप्रकाश अर्याल के नेतृत्व में गृह मंत्रालय की टीम उपस्थित थी. इसके साथ ही कानून मंत्रालय, निर्वाचन आयोग, नीति अनुसंधान प्रतिष्ठान और राष्ट्रीय पंजीकरण विभाग के अधिकारी भी बैठक में शामिल थे.
बैठक के दौरान नीति अनुसंधान प्रतिष्ठान ने विदेश में रहने वाले नेपाली नागरिकों और अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर रहने वाले मतदाताओं के लिए मतदान की संभावनाओं पर आधारित अपने अध्ययन का सारांश प्रस्तुत किया.
प्रस्तुति और चर्चा के बाद प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि कम से कम अंतर-निर्वाचन क्षेत्र मतदान (cross-constituency voting) को संभव बनाने की दिशा में आगे बढ़ना आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि मतदाताओं को अपने निर्वाचन क्षेत्र में लाने की बाध्यता के कारण उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता है, जिससे भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताएं भी बढ़ती हैं. इसलिए अब एक ठोस और सुधारात्मक कदम उठाया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि अगर हम फिर से पुराने तरीके से चुनाव कर रहे हैं, तो जेन-ज़ी आंदोलन करने का कोई अर्थ नहीं रह जाता. उन्होंने कहा कि हमें एक सार्थक और संदेशपूर्ण कार्य करना चाहिए.
गृह मंत्री ओमप्रकाश अर्याल ने भी कहा कि इस बार का चुनाव पिछले चुनावों से अलग और सुधारात्मक होना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक चुनावी सरकार है, जिसका उद्देश्य पिछली कमियों और खामियों को सुधारते हुए बेहतर चुनाव कराना है. इसलिए इस बार कुछ न कुछ नई पहल तो करनी ही होगी.
बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि अंतर-निर्वाचन क्षेत्र मतदान और विदेश में रहने वाले नेपाली नागरिकों के मतदान अधिकार से संबंधित पहल, लागत, और कानूनी ढांचे पर सुझाव देने के लिए एक संयंत्र (टास्कफोर्स) गठित किया जाएगा.
इस टास्क फोर्स में नीति अनुसंधान प्रतिष्ठान के कार्यकारी अध्यक्ष, कानून मंत्रालय के सचिव पाराश्वर ढुंगाना और निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास